कर्नाटक: बीजेपी ने वीडियो जारी कर मल्लिकार्जुन खड़गे पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

कर्नाटक में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। सभी राजनीतिक पार्टियों ने इस चुनाव के लिए कमर कस ली है और जोर-शोर से इसकी तैयारी में जुटी हुई हैं। चुनाव के दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों द्वारा एक-दूसरे पर किए जाने वाले हमले भी बढ़ते जा रहे हैं। कांग्रेस जहां प्रचार-प्रसार के दौरान बीजेपी पर निशाना साध रही है तो वहीं बीजेपी के नेता कांग्रेसियों पर धावा बोलने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इसी क्रम में कर्नाटक बीजेपी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे पर धावा बोला है। कर्नाटक बीजेपी ने एक वीडियो जारी करते हुए खड़गे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पूरी पार्टी को कटघरे में लाने की कोशिश की है।

बीजेपी ने खड़गे पर व्यापक भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से इस मामले में जवाब मांगा है। बीजेपी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया है और खड़गे पर साल 2014 में लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सवाल खड़ा किया है। बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष से सवाल किया, “आप अभी कर्नाटक से गए हैं। अगर आप अपने रियर व्यू मिरर से देखेंगे तो पाएंगे कि आपके सासंद भ्रष्टाचार के दलदल में फंसे हुए हैं। आपके मुख्यमंत्री ने उस एजेंसी को ही खत्म कर दिया जो इन आरोपों की जांच कर रही थी और आप बिना डरे इन कांग्रेस के नेताओं को सपोर्ट करते हैं। ओह! आप भी तो उनमें से एक ही हैं।”

 

बीजेपी ने वीडियो में बताया है कि खड़गे के खिलाफ साल 2014 में एक लोकायुक्त कम्प्लेंट दायर की गई थी, जिसमें खड़गे के पास 50 हजार करोड़ की संपत्ति होने की बात कही गई थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के खिलाफ की गई शिकायत में उनके ऊपर 1,427 इंजीनियर्स की गैरकानूनी तौर पर नियुक्ति करने का भी आरोप लगा था। इसके साथ ही खड़गे के ऊपर 300 एकड़ की जमीन पर कॉफी की खेती करने का, बन्नेरुघट्टा में 500 करोड़ का कॉम्पलेक्स होने का, एमएस रामिया कॉलेज के पास 25 करोड़ की बिल्डिंग होने का आरोप लगा था। बीजेपी ने यह भी कहा है कि खड़गे ने दलित उत्थान के नाम पर अपनी संपत्ति को बढ़ाने का काम किया था। बीजेपी ने कहा, “इस मामले की जांच क्यों रोक दी गई? क्यों लोकायुक्त ने जांच की जानकारी सांझा करने से मना किया? क्या यही एक कारण है जिसकी वजह से कर्नाटक में लोकायुक्त को खत्म कर दिया गया? जवाब दीजिए सिद्धारमैया।”

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