कर्नाटक में सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए जरूरी हुआ आधार कार्ड, कैबिनेट ने दी मंजूरी

सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार संख्या को अनिवार्य बनाने संबंधी विधेयक को कर्नाटक सरकार की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री टी. बी. जयचन्द्र ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘कैबिनेट ने संसद में पारित हुए आधार (टारगेट डिलिवरी आॅफ फाइनेंशियल एंड अदर सब्सिडीज, बेनेफिट्स एंड र्सिवसेज), विधेयक, 2016 को मंजूरी दे दी है।’’ संसद में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद सरकार ने 2016 में इस विधेयक को धन विधेयक के रूप में पारित किया था।

उस दौरान कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया था कि विधेयक को इसलिए धन विधेयक के रूप में बदला गया हैं ताकि उसे राज्य सभा से मंजूरी ना लेनी पड़े। जयचन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार ने दो से नौ फरवरी के बीच विधानसभा का संयुक्त सत्र बुलाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि राज्य में बजट सत्र 16 से 28 फरवरी तक के लिए आहूत किया जाएगा।

राज्य में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री सिद्धरमैय्या अपना अंतिम बजट पेश करेंगे। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद बनी नई सरकार ने पिछले दिनों कड़ा कदम उठाते हुए 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षा में परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र के साथ आधार कार्ड जोड़ना अनिवार्य कर दिया था, लेकिन सरकार ने कुछ दिनों पहले ही अपना यह फैसला वापस ले लिया। इससे ऐसे परीक्षार्थियों को लाभ मिलेगा जो अभी तक अपना आधार कार्ड नहीं बनवा सके हैं। उप्र बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव के मुताबिक, परीक्षार्थियों को इस बार की बोर्ड परीक्षा में प्रवेश पत्र के साथ आधार कार्ड लाना जरूरी नहीं होगा।

 

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