कश्मीर: आपस में ही भिड़े आतंकी, हिज्ब-उल-मुजाहिद्दीन का आरोप- सरकार से पैसे खाकर हमारे आदमी मरवा रहा अल कायदा
लश्क-ए-तैयब के शीर्ष कमांडर “अबु इस्माइल” गुरुवार (14 सितंबर) को सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में मारा गया। माना जाता है कि इस साल अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी ह मले के लिए इस्माइल ही जिम्मेदार था। श्रीनगर के बाहरी इलाके में हुई मुठभेड़ के बाद दक्षिण कश्मीर के जिहादियों के बीच फूट भी सामने आने लगी है। दक्षिण कश्मीर में सक्रिय दोनों आतंकवादी गुट एक दूसरे पर पुलिस और सुरक्षा बलों से मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं। कश्मीर में पिछले एक साल में 58 आतंकवादी मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं।
अबु इस्माइल के मारे जाने से एक दिन पहले बुधवार (13 सितंबर) को हिज्ब-उल-मुजाहिद्दीन ने अल-कायदा के स्थानीय कमांडर पर “भारत सरकार से मोटा पैसा खाकर” अपने खास मुजाहिद्दीनों की मुखबिरी का आरोप लगाया। अबु इस्माइल ने “अबु दुजाना” के पिछले महीने सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में मारे जाने के बाद हिज्बुल का दक्षिण कश्मीर प्रमुख बना था। अबु दुजाना ने हिज्बुल के पूर्व कमांडर जाकिर रशीद भट से मिल गया था जो अल-कायदा के कश्मीर इकाई “अंसार गज़वातुल हिन्द” का प्रमुख है।
हिज्बुल मुजाहिद्दीन ने अपने बयान में कहा था, “इससे पहले इतने कम समय में इतने ज्यादा मुजाहिद्दीन कभी नहीं मारे गये थे।” बयान में कहा गया कि इसके लिए जाकिर मूसा (जाकिर भट का छद्म नाम) के अलावा कोई और जिम्मेदार नहीं है। हिज्बुल ने अपने बयान में कहा कि ये गद्दार “आजादी” की लड़ाई से दगा कर रहा है। हिज्बुल ने मूसा पर आरोप लगाया कि वो “भारत सरकार का एजेंट है और खुद को मुजाहिद बताकर लोगों को गुमराह कर रहा है।” जाकिर भट ने बकरीद के मौके पर एक अगस्त को एक वीडियो जारी करके पाकिस्तानी सेना पर “कश्मीरी जिहाद को धोखा देने, मुजाहिद्दीनों को आंतकवादी घोषित करने, आतंकी प्रशिक्षण शिविर बंद करने और कश्मीर की आजादी के लिए लड़ रहे जिहादियों को गिरफ्तार करने” का आरोप लगाया।
जाकिर भट ने अपने वीडियो में कहा था, “हमें पाकिस्तान के 20 करोड़ मुसलमानों से कोई दुश्मनी नहीं लेकिन हम अमेरिका की गुलाम पाकिस्तानी सेना का विरोध करते हैं जो मुसलमानों का उत्पीड़न कर रही है और हिंदुओं और अमेरिकियों को खुश करने के लिए कश्मीरी जिहाद को धोखा दे रही है।” भारतीय खुफिया संस्थाओं के सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि हिज्बुल के आतंकी जाकिर भट को लेकर काफी परेशान हैं। उन्हें डर है कि कहीं इंटरनेट के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक जिहादियों से प्रेरित कश्मीरी नौजवानों के बीच जाकिर भट कश्मीरी जिहाद का चेहरा न बन जाए। जाकिर भट ने इस साल की शुरुआत में हिज्बुल छोड़ा था और उसने आल पार्टीज हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं को धमकी दी थी कि अगर वो ये नहीं मानेंगे कि कश्मीरी आतंकवाद का मकसद इस्लामी राज स्थापित करना है तो वो उनका “सिर काटकर लाल चौक पर टांग देगा।”