कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने भाई के खिलाफ दिए जांच के आदेश, नियुक्ति पर उठे थे सवाल

जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपने ममेरे भाई अरूत मदनी की राज्य केवीआईबी में एक अधिकारी के रूप में चयन की जांच के रविवार को आदेश दिए, जबकि मदनी ने भाई-भतीजावाद के आरोपों के बाद नियुक्ति लेने से इनकार कर दिया है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता और मंत्री नईम अख्तर ने कहा कि मुख्य सचिव बी.बी. व्यास पीडीपी के उपाध्यक्ष सरताज मदनी के पुत्र, अरूत मदनी के चयन की जांच का नेतृत्व करेंगे। सरताज मदनी महबूबा मुफ्ती के मामा हैं। विपक्षी नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने मुख्यमंत्री पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया है, और कहा है कि पूरी चयन प्रक्रिया अरूत मदनी के पक्ष में हुई है।

पीडीपी के एक अन्य नेता रफी मीर ने एक बयान में कहा कि भाई-भतीजावाद के आरोपों के बाद अरूत मदनी ने नियुक्ति लेने से इनकार कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अरूत मदनी का नियुक्ति स्वीकारने से इंकार करना इस बात का संकेत करता है कि वह जांच का सामना करने को तैयार नहीं हैं। उमर ने कहा कि नियुक्ति स्वीकारने से इंकार करने भर से इस चयन में किया गया फर्जीवाड़ा खत्म नहीं हो सकता

उमर ने ट्वीट किया, “जांच वापस क्यों ली जानी चाहिए? मदनी के नौकरी लेने से इनकार करने से फर्जीवाड़ा और भाई-भतीजावाद खत्म नहीं हो जाता।” वहीं दूसरी तरफ, महबूबा मुफ्ती ने हाल ही में राज्य में शांति की अपील करते हुए कहा था कि युवकों को बंदूकें त्याग देनी चाहिए, अन्यथा उन्हें सुरक्षाबलों की ऐसी हजारों बंदूकों का सामना करना पड़ेगा। महबूबा ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में एक सरकारी कार्यक्रम से इतर एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए कहा, “मैं आज आप के साथ दिल से बात करने आई हूं।”

उन्होंने कहा, “कल मैं सत्ता में रहूं या न रहूं, लेकिन जबतक आप अपने बच्चों को बंदूकें छोड़ने के लिए राजी नहीं करते, तबतक उन्हें सुरक्षा बलों की हजारों बंदूकों का सामना करना पड़ेगा।” मुख्यमंत्री ने कहा, “हिंसा से हमें कुछ नहीं मिलेगा। यदि घाटी में हिंसा बढ़ती है तो सुरक्षा बलों के शिविर बढ़ जाएंगे और हमें उन शिविरों को हटाने में सैकड़ों साल लग जाएंगे।”

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