कश्मीर में रेड अलर्ट, 20 हजार लोगों के खाली कराए घर

जम्मू-कश्मीर में शनिवार को पाकिस्तान द्वारा सीजफायर का उल्लंघन करते हुए की गई गोलीबारी में तीन आम नागरिक और भारतीय सेना का एक जवान शहीद हो गए। इनके अलावा इस हमले में दो अन्य सैनिक भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। पाक फायरिंग में जनवरी 2018 में 10 मौंते हुई हैं जो कि 2017 के पूरे साल की मौतों के बराबर हैं। पिछले साल आर्मी जवानों समेत करीब 12 लोगों की मौत हुई थी जबकि 36 लोग घायल हुए थे। एलओसी पर संवेदनशील स्थिति को ध्यान में रखते हुए राज्य पुलिस ने रेड अलर्ट घोषित कर दिया है। इसके साथ ही बॉर्डर पर रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है।

बॉर्डर के पांच जिलों के डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है। कठुआ से परगाल में तीन किलोमीटर तक फैले अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर स्थित गांवों में करीब 15 हजार से 20 हजार लोग रहते हैं। इन लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों और बुलेटप्रूफ बंकरों में भेज दिया गया है। वहीं राज्य सरकार ने बॉर्डर के पास पांच किलोमीटर के दायरे में मौजूद 500 स्कूलों को बंद करने के निर्देश दिए हैं।

पाकिस्तानी रेंजर्स सेना के ठिकानों और स्थानीय इलाकों को लगातार निशाना बना रहे हैं। 2018 की अभी शुरुआत ही हुई है और पाकिस्तान की तरफ से दागे गए मोर्टार और फायरिंग में दो आर्मी के जवान और तीन बीएसएफ अधिकारी शहीद हो चुके हैं। संघर्ष विराम उल्लंघन के चलते सीमावर्ती बस्तियों से 35,000 से अधिक लोगों को पलायन करना पड़ा है

पिछले कुछ दिनों में हुई गोलाबारी में छह नागरिक और चार जवान सहित कुल 10 लोगों की मौत हुई तो वहीं सेना के जवानों सहित करीब 60 लोग घायल हो गए। पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान की तरफ से हो रही गोलीबारी का भारतीय सेना के जवान मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। बीएसएफ के सूत्रों का दावा है कि भारतीय सेना की जवाबी कार्यवाही में पाकिस्तान को भी भारी नुकसान हुआ है। इस कार्यवाही में पाकिस्तान के कम से कम छह रेंजर्स की मौत हुई है।

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