कश्मीर के नायब मुफ्ती ने कहा- भारत से अलग होना ही एक मात्र रास्ता, मुसलमान बदहाल हैं, सरकार सुनती नहीं
कश्मीर के डिप्टी मुफ्ती-ए-आजम मुफ्ती नासिर-उल-इस्लाम ने कहा है कि कि अब भारत से अलग होने के सिवा मुसलमानों के पास कोई रास्ता नहीं है। इसके पीछे उन्होंने भारत में मुसलमानों की दयनीय हालत का तर्क दिया है। मुफ्ती ने कहा है कि- ‘‘ भारत में मुसलमान दयनीय हालत में गुजर-बहस कर रहे हैं। सरकार उनकी बातें नहीं सुन रही है। अब भारत से अलग होने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा है। डिप्टी मुफ्ती ने यह बातें समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान कही।”
बता दें कि मुफ्ती नासिर-उल- इस्लाम कश्मीर के मुफ्ती-ए-आजम मुफ्ती बशीरुद्दीन के पुत्र हैं, जिन्होंने कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए वादी में सेटलाइट सिटी बसाने का विरोध किया था। डिप्टी मुफ्ती नासिर-उल-इस्लाम इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले पर भी विरोध जता चुके हैं, जिसमें शरिया अदालतों को अवैध करार दिया गया था। जब 2014 में यह फैसला आया था, तब मुफ्ती ने कहा था कि मजहबी मामलों में वह दखलंदाजी बर्खास्त नहीं करेंगे। मुफ्ती नासिर-उल-इस्लाम अपने तीखे बयानों के लिए जाने जाते हैं।
कश्मीर में जारी है गतिरोधः जम्मू-कश्मीर में सेना पर गोलीबारी के मामले में मुकदमा दर्ज होने पर हंगामा मचा है। जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि शोपियां में गोलीबारी में शामिल सेना की एक यूनिट के खिलाफ पुलिस की प्राथमिकी वापस नहीं ली जाएगी। गोलीबारी की घटना में दो कश्मीरी व्यक्तियों की मौत हो गई थी। भाजपा विधायक आर एस पठानिया ने विधानसभा में हंगामे के बीच जब सेना पर से मुकदमा हटाने की मांग की तो मुख्यमंत्री महबूबा महबूबा ने यह बात कही। यह केस गढ़वाल यूनिट के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 307 के तहत दर्ज हुई है।
महबूबा ने कहा, ‘हम सेना और अन्य सुरक्षा बलों से कह रहे हैं कि वे अत्यंत संयम बरतें लेकिन यह भी तथ्य है कि पहले जब कोई मुठभेड़ होती थी, या यहां तक कि कोई फर्जी मुठभेड़ भी होती थी, गांव खाली हो जाते थे. लेकिन अब जब कोई मुठभेड़ शुरू होती है तो सैकड़ों लोग सुरक्षा बलों पर पथराव में लिप्त हो जाते हैं.’