कश्मीर में सेना के ऑपरेशन के खिलाफ धरने पर बैठा विधायक, कहा- पूरे भारत में पेलेट गन या गोलियां क्यों नहीं चला रहे
निर्दलीय विधायक शेख अब्दुल रशीद ने सेना के ऑपरेशन में रविवार (1 अप्रैल) को 4 नागरिकों की मौत के खिलाफ प्रदर्शन किया। शोपियां और अनंतनाग जिले में हुई मुठभेड़ में 11 आतंकवादी मारे गए और तीन सैनिक भी शहीद हुए थे। पिछले साल मई में लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या करने वाला आतंकवादी भी मृतकों में शामिल है। 11 आतंकवादियों में से 10 शोपियां जिले में हुई दो मुठभेड़ों में मारे गए, जबकि एक आतंकवादी अनंतनाग जिले में मारा गया। इस मुठभेड़ को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच सबसे भीषण मुठभेड़ माना जा रहा है।
पीटीआई के अनुसार, रशीद ने अपनी पार्टी (अवामी इत्तेहाद पार्टी) के समर्थकों संग रेजिडेंसी रोड से प्रेस एंक्लेव तक मार्च निकाला। इसके बाद उन्होंने इलाके में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। रशीद ने मीडियाकर्मियों से कहा, ”आज (2 मार्च) पूरे भारत में प्रदर्शन हो रहे हैं मगर वहां पेलेट या बुलेट्स नहीं इस्तेमाल की जा रहीं। आप आतंकवादियों को मार कर आतंकवाद खत्म नहीं कर सकते।” विधायक ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान से बातचीत का भी समर्थन किया।
आतंकवादियों के मारे जाने की खबर इलाके में फैलने के बाद इलाके में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। स्थानीय निवासियों के घरों से निकल कर सड़क पर उतर आने से सुरक्षाबलों की परेशानी और बढ़ गई। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अनंतनाग के दियालगाम में एक आतंकवादी मारा गया, जबकि एक अन्य आतंकवादी गिरफ्तार किया गया। शोपियां के द्रागढ़ गांव में सात आतंकवादी और कचदूरा गांव में तीन आतंकवादी मारे गए। द्रागढ़ और कचदूरा में एक-एक नागरिक भी मारे गए।
जम्मू एवं कश्मीर के पुलिस महानिदेशक एस.पी. वैद ने कहा कि दियालगाम में एक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने आतंकवादियों को समर्पण करने को राजी करने के लिए विशेष प्रयास किया। उन्होंने कहा कि अधिकारी ने दो आतंकवादियों के परिजनों को उन्हें समर्पण के लिए राजी करने के लिए बुलाया। वैद ने कहा, “एक आतंकवादी ने समर्पण करने के बजाए गोलीबारी शुरू कर दी, इसके बाद पुलिस के पास उसे मारने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा।”
पुलिस प्रमुख ने कहा कि द्रागढ़ में मारे गए सभी सात स्थानीय आतंकवादियों के परिजन मिल गए हैं। उन्होंने लेफ्टिनेंट फैयाज के कातिलों की पहचान अहमद मलिक और रईस ठोकर के रूप में हुई है। दोनों की मौत द्रागढ़ मुठभेड़ में हुई। उन्होंने कहा, “युवाओं को मरते देखना बहुत दुख देने वाला है। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे यह सुनिश्चित करें कि बच्चों को हथियारों से दूर रखा जाएगा।”
पुलिस महानिरीक्षक एस.पी. पाणि ने कहा कि दक्षिण कश्मीर के चारों जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। रेल सेवा को भी एहतियातन बंद कर दिया गया है। इस दौरान घाटी में सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है। घाटी के बारामूला और जम्मू क्षेत्र के बनिहाल कस्बे के बीच रेल सेवा दिनभर के लिए रोक दी गई है। अलगाववादियों ने नागरिकों की हत्या के खिलाफ रविवार और सोमवार को घाटी में बंद का आह्वान किया है।