कश्मीर: 15 अगस्त के पहले तिरंगा फहराने की कोशिश कर रहा था एक ग्रुप, स्थानीय लोगों ने शुरू कर दी मारपीट
स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) से एक दिन पहले जम्मू-कश्मीर में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मंगलवार को कुछ लोगों के एक ग्रुप ने जब श्रीनगर में तिरंगा फहराने की कोशिश की तो स्थानीय लोगों ने उनके साथ खूब मारपीट की। घटना श्रीनगर के कमर्शियल हब लाल चौक की है। खास बात यह है कि पुलिस ने तिरंगा फहराने की कोशिश करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, वो स्थानीय नहीं हैं। इन लोगों ने जब क्लॉक टॉवर पर तिरंगा फहराने की कोशिश की तो स्थानीय लोगों ने एतराज जताया। बात नहीं बनी तो तिरंगा फहराने के खिलाफ स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। यह जानकारी न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ के हवाले से हैं। चैनल का का दावा है कि उसके पास पूरे घटनाक्रम की फुटेज है। इसमें तिरंगा फहराने वाले लोगों को पुलिस गाड़ी में बैठाकर ले जा रही है।
बता दें कि पिछले साल जम्मू-कश्मीर शिवसेना ने अपनी एक टीम को श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने के लिए भेजा था। दरअसल तब नेशनल कॉन्फ्रेंस चीफ फारूख अब्दुला ने केंद्र को लाल चौक पर तिरंगा फहराने की चुनौती दी थी। उन्होंने कहा था, ‘भाजपा और केंद्र सरकार पीओके में तिरंगा में फहराने की बात कर रही है। मैं उनसे कहता हूं कि पहले श्रीनगर के लाल चौक पर जाकर तिरंगा फहराए। वो ऐसा कर नहीं सकते और पीओके की बात करते हैं।’ तब अपनी टिप्पणी के बचाव में उन्होंने कहा कि अगर आप सचमुच सुनना पसंद नहीं करते तो भुलावे में ही रहें। सच तो यह है कि पीओके हमारा हिस्सा नहीं है और जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है। यह सच है।
इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या वो ऐसा कहकर भारतीय संवेदनाएं आहत नहीं कर रहे। इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘संवेदनाएं क्या होती हैं। आप किनकी संवेदनाओं की बात कर रहे हैं? क्या आप यह सोच रहे हैं कि मैं भारतीय नहीं हूं।’ गौरतलब है कि पिछले साल दिसंबर में कुछ युवाओं ने फारूख अब्दुल्ला की चूनौती स्वीकार करते हुए श्रीनगर के लालचौक पर तिरंगा फहराया था। तब ‘भारत समर्थक’ नारे भी लगाए गए।