कांग्रेस का आरोप- तीन महीने में मोदी सरकार ने देश का कराया 4-4.5 लाख करोड़ का नुकसान

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि जीडीपी ग्रोथ में 3 फीसदी की कमी का मतलब है कि देश को 4-4.5 लाख करोड़ रुपये का घाटा है। यह पूरी तरह से एक आपदा है। यदि आप मानदंडों के संदर्भ में जीडीपी की गणना करते हैं तो 5.7 प्रतिशत की वृद्धि दर, विकास दर में गिरावट 3 प्रतिशत रही है। जिसका मतलब है कि देश को 4 से 4.5 लाख करोड़ रुपये तक का घाटा है। यह एक सवाल है जिसे इस सरकार से पूछा जाना चाहिए। कि उन्होंने ऐसा क्या किया है। उन्होंने नोटबंदी की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह सबसे बड़ा घोटाला है क्योंकि देश के सभी अमीर लोगों ने अपना पैसा बदला है। कथित काले धन का 99.68 प्रतिशत कथित सफेद धन में बदल गया है। इस मामले का तथ्य यह है कि आम आदमी के हाथ में वैध पैसा (ब्लैक मनी नहीं है) है। इस देश के ज्यादातर लोग 10,000 रुपये महीने कमाते हैं। वह काला धन नहीं है।

कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि आपने नौकरी, अर्थव्यवस्था, मजदूरों के जीवन, निर्माण उद्योग, किसानों और छोटे व्यवसायों को नष्ट कर दिया। लोगों को पीड़ा में छोड़कर आपको क्या फायदा मिला। प्रधानमंत्री ने ऐसा क्यों होने दिया। जब काला धन सिस्टम में वापस आ गया है, तो उन्होंने क्यों कहा था कि यह ब्लैक मनी के खिलाफ स्ट्राइक है।2017-18 की पहली तिमाही (क्यू 1) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की रफ्तार धीमी हो गई है यह अप्रत्याशित रूप से तीन साल के न्यूनतम स्तर पर आ गई है। यह 31.10 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 29.42 लाख करोड़ रुपये पर आ गई। 2016-17 की इसी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 5.7 फीसदी रही थी।

आपको बता दें कि काले धन के खिलाफ जंग में आयकर विभाग ने प्रॉपर्टी के वैसे 14 हजार लेनदेन को चिन्हित किया है, जो एक करोड़ रुपये के ऊपर के हैं। आयकर विभाग को शक है कि इन लेन देन में काले धन का इस्तेमाल किया गया है। प्रॉपर्टी की खरीद बिक्री करने वाले ऐसे लोगों ने अपना इनकम टैक्स रिटर्न भी फाइल नहीं किया गया है। आईटी द्वारा संदिग्ध आंकड़ों की जांच के दौरान ये खुलासा सामने आया है। अब विभाग इस बात की जांच कर रहा है कि इन प्रॉपर्टी को कैसे खरीदा गया और इसके लिए रकम कहां से लाये गये थे? आईटी ने कहा है कि जांच के दौरान कई लोगों के लेन-देन में गड़बड़ी पाई गई है।

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