कांग्रेस को रास नहीं आया सोज का खयाली पुलाव
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के कश्मीर के ‘आजादी’ वाले खयाल के हिमायती कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने चौतरफा किरकिरी होने के बाद लीपापोती शुरू कर दी है। कांग्रेस ने इस विचार से खुद को अलग कर लिया तो सोज ने सफाई देते हुए शुक्रवार को कहा कि यह उनकी निजी राय है जो अपनी किताब में जाहिर की है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि बलप्रयोग से कश्मीर मुद्दे का समाधान नहीं हो सकता, बल्कि बातचीत से ही कोई रास्ता निकलेगा। इस बीच कांग्रेस सोज के कश्मीर पर व्यक्त किए गए विचार को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा है कि पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि कश्मीर कल भी भारत का अभिन्न हिस्सा था, आज भी है और युग-युगांतर तक रहेगा। कांग्रेस ने कश्मीर पर पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के आजादी संबधी विचार का समर्थन करने को लेकर सोज की कड़ी आलोचना की और कहा कि किताब बेचने के लिए सस्ते हथकंडे अपनाने से यह सत्य नहीं बदलने वाला है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है।
पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में कहा कि सोज की किताब अभी सामने नहीं आई है। लेकिन जो बातें अखबार में छपी हैं, अगर वे किताब में हैं तो हम उसे सिरे से खरिज करते हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, अभिन्न हिस्सा है, और युग युगांतर तक अभिन्न हिस्सा रहेगा। किताब बेचने के लिए अगर कोई सस्ते हथकंडे अपनाता है तो उससे यह सच नहीं बदला जाएगा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई सोज के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी। दूसरी ओर उन्होंने इस संबंध में सवाल उठाने पर भाजपा पर भी निशाना साधा।
सुरजेवाला ने कहा कि यशवंत सिन्हा कश्मीर को लेकर बयान दे रहे हैं, कोई बात नहीं हो रही है। आडवाणी ने जिन्ना की तारीफ की, भाजपा ने पीडीपी के साथ सरकार चलाई। इन लोगों को जम्मू-कश्मीर पर बात करने से पहले खुद से सवाल करने चाहिए। उधर, जम्मू कश्मीर के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोज ने कहा है कि अपनी किताब में जो बातें उन्होंने लिखी हैं वो उनकी निजी राय है और इनका पार्टी से कोई लेनादेना नहीं है। दरअसल, सोज ने अपनी पुस्तक कश्मीर: ग्लिंपसेज ऑफ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ स्ट्रगल में परवेज मुशर्रफ के उस बयान का भी समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर वोटिंग की स्थितियां होती हैं तो कश्मीर के लोग भारत या पाक के साथ जाने के बजाय अकेले और आजाद रहना पसंद करेंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के एक बयान पर सुरजेवाला ने कहा कि आजाद ने सिर्फ यह कहा है कि सैन्य अभियान के दौरान आम नागरिकों को कम से कम नुकसान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बयान में क्या गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि इस देश के सुरक्षा बल आतंकवादियों और माओवादियों को मुंहतोड़ जवाब देते आये हैं और आगे भी देते रहेंगे। बहरहाल यूपीए सरकार में मंत्री रहे सोज ने यह भी दावा किया कि घाटी में मौजूदा हालात के लिए भाजपा नीत केंद्र सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, भारत और पाकिस्तान पड़ोसी देश हैं और दोनों परमाणु हथियारों वाले देश हैं। दोनों ज्यादा समय तक दुश्मनी में नहीं रह सकते। इसलिए मजबूत कदम उठाए जाने चाहिए। बातचीत होनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर में नई सरकार के गठन की संभावना पर सोज ने कहा, अगर नेशनल कांफे्रंस, कांग्रेस और पीडीपी के कुछ लोग साथ आ सकते हैं तो मिल बैठकर और बात करके सरकार बना सकते हैं। सरकार बन सकती है और फिर वह सरकार वक्त आने पर चुनाव कराए। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों के लिए शांतिपूर्ण माहौल की स्थापना जरूरी है, जिससे यहां के लोग शांति से रह सकें।