कांग्रेस ने संजय दीक्षित को पार्टी से किया निष्कासित, नसीमुद्दीन सिद्दकी के खिलाफ की थी टिप्पणी
हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए बहुजन समाज पार्टी के पूर्व नेता नसीमुद्दीन सिद्दकी के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने पर कांग्रेस ने मंगलवार को प्रदेश के एक वरिष्ठ नेता संजय दीक्षित को छह साल के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने बताया कि दीक्षित को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी के नामित, मनोनीत पदों से हटाते हुए आज कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया गया। गौरतलब है कि नसीमुद्दीन सिद्दकी के कांग्रेस में शामिल होने के बाद दीक्षित ने उन्हें पार्टी में शामिल किए जाने का विरोध करते हुए फेसबुक पर टिप्पणी की थी। उन्होंने राज्य के नेताओं पर इस संबंध में राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को गुमराह करने का आरोप लगाया था।
दीक्षित ने पोस्ट में कहा था कि सिद्दकी मायावती सरकार के समय हुए सभी बड़े घोटालों में शामिल रहे और वह हमेशा मायावती के करीबी थे। राहुल गांधी जब स्वच्छ राजनीति की वकालत कर रहे हैं तब एक दागी नेता को कैसे कांग्रेस में शामिल किया जा सकता है? दीक्षित ने कहा था कि ऐसा लगता है कि स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने सिद्दकी के साथ कोई समझौता किया है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता बताया कि दीक्षित को इसके पूर्व अनुशासन समिति ने उन्हें ऐसा आचरण न करने की चेतावनी भी दी है और उनसे लिखित रूप से स्पष्टीकरण मांगा गया था। इतना ही नहीं चेतावनी एवं लिखित रूप से माफी मांगने के बावजूद दीक्षित लगातार पार्टी विरोधी कार्य कर रहे थे।
बता दें कि लोकसभा के आगामी चुनाव में विपक्ष को एकजुट करने की कोशिशों की परख अगले महीने होने वाले राज्यसभा के चुनाव में होगी। राजनीतिक लिहाज से देश के सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में सपा को छोड़कर कोई भी विपक्षी दल अपने बलबूते एक भी राज्यसभा सीट जीतने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में उनका एकजुट होना या ना होना दूरगामी संकेत देगा।