कार्ति चिदंबरम को 24 तक न्यायिक हिरासत में भेजा
दिल्ली की एक अदालत ने कार्ति चिदंबरम को सोमवार को आइएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 24 मार्च तक 13 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अदालत ने उन्हें खतरे के कारण तिहाड़ जेल में अलग कोठरी उपलब्ध कराने का उनका अनुरोध भी ठुकरा दिया। अलग कोठरी और बाथरूम के कार्ति के अनुरोध को खारिज करते हुए विशेष न्यायाधीश सुनील राणा ने कहा कि केवल उनके व उनके पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के सामाजिक ओहदे के कारण उनके साथ अन्य आरोपियों से अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा, ‘आरोपी के वकील द्वारा जताई गई चिंता को आरोपी व उनके परिवार, विशेष रूप से उनके पिता जो पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे हैं, नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।’
अदालत ने कहा, ‘हालांकि, केवल आरोपी व उनके पिता के सामाजिक ओहदे को ध्यान में रखते हुए उनके साथ अन्य आरोपियों से अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता और उन्हें अलग कोठरी में रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती। हालांकि, लॉकअप प्रभारी और जेल अधीक्षक को न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान आरोपी की उचित ढंग से नियमानुसार सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है।’ कार्ति ने उचित सुरक्षा और जेल में अलग कोठरी मुहैया कराने की मांग की थी। उन्होंने दावा किया था कि चूंकि पिछली यूपीए सरकार में बतौर केंद्रीय मंत्री उनके पिता पी चिदंबरम कई संवेदनशील मुद्दों से निपटे हैं, इसलिए उन्हें खतरा है।
कार्ति को तीन दिन की पुलिस हिरासत समाप्त होने के बाद विशेष न्यायाधीश सुनील राणा के सामने पेश किया गया जिन्होंने उन्हें तिहाड़ जेल भेजा। सीबीआइ ने अदालत से कहा कि कार्ति को हिरासत में रखकर पूछताछ करने की अब जरूरत नहीं है। चेन्नई में 28 फरवरी को कार्ति की गिरफ्तारी के बाद से वह 12 दिन से सीबीआइ की हिरासत में थे।
विशेष न्यायाधीश ने कहा, ‘इस तथ्य को देखते हुए कि सीबीआइ ने आरोपी की और पुलिस हिरासत नहीं मांगी है, आरोपी कार्ति चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है। उन्हें 24 मार्च को पेश किया जाए।’ सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता दायन कृष्णन ने आवेदन देकर कार्ति को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने और उन्हें अन्य कैदियों के साथ जेल में नहीं रखने की मांग की। उन्होंने कहा कि उनकी जान को साफ तौर पर खतरा है क्योंकि कार्ति के पिता पी चिदंबरम के गृह मंत्री रहने के दौरान कई आतंकवादियों के खिलाफ मुकदमा चलाया गया।
सीबीआइ के वकील वीके शर्मा ने अलग कोठरी और बाथरूम मुहैया कराने के आवेदन का विरोध किया। उन्होंने कहा कि कार्ति को कोई खतरा नहीं है। अदालत ने कार्ति को अपने साथ चश्मा और जेल के डाक्टर की जांच व मंजूरी से बीमारी से संबंधित पर्चे पर लिखी दवाएं ले जाने की अनुमति दी। हालांकि अदालत ने प्रसाधन के सामान, पुस्तकें, कपडेÞ और घर के खाने के अनुरोध को ठुकरा दिया। अदालत ने कहा कि उनकी जमानत याचिका पर15 मार्च को सुनवाई होगी।