कार्ती चिदंबरम और वाड्रा की कंपनी के खिलाफ कार्रवाई को कांग्रेस ने बताया राजनीतिक बदला

कांग्रेस ने पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के पुत्र कार्ती को भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई द्वारा पूछताछ के लिए बुलाने तथा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की कंपनी से जुड़े कथित भूमि घोटाले की सीबीआई जांच के कदम को ‘‘विशुद्ध राजनीतिक प्रतिशोध’’ की कार्रवाई करार दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह बहुत ही बुरी तरह के राजनीतिक प्रतिशोध के अलावा कुछ नहीं है। यह अब एक नये स्तर पर आ गया है।’’ उन्होंने सरकार या सत्तासीन भाजपा का नाम लिये बिना कहा कि राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब इसमें राजनीतिक विरोधियों के परिवारों को भी घसीटा जाएगा।

राजस्थान के गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कल कहा था कि राज्य सरकार ने सीबीआई को बीकानेर में हुए भूमि घोटाले की जांच कराने को कहा है जिसमें वाड्रा की कंपनी भी कथित रूप से शामिल है। कार्ती भ्रष्टाचार के मामले में आज पूछताछ के लिए सीबीआई के समक्ष पेश हुए। उन्हें उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया था कि वह पूछताछ के लिए सीबीआई के समक्ष पेश हों।

तिवारी ने सीबीआई को ‘‘कम्युनल ब्यूरो आफ इंडिया’’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही आश्चर्यजनक है कि सरकार ने विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईबीपी) को मंजूरी देने के संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। उन्होंने सरकार को चुनौती दी कि वह अज्ञात लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर दिखाये। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अज्ञात व्यक्ति छह सबसे वरिष्ठ सचिव थे जो मंत्री को संबंधित फाइल पर हस्ताक्षर करने के लिए सिफारिश करते थे।

तिवारी ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों एवं उनके परिजनों को परेशान करने के लिए उनके खिलाफ सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय एवं आयकर विभाग के जरिये कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से किया जा रहा है।

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