कालेधन पर चोट: 1 करोड़ से ज्यादा की 14 हजार प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री संदिग्ध, कार्रवाई की तैयारी

काले धन के खिलाफ जंग में आयकर विभाग ने प्रॉपर्टी के वैसे 14 हजार लेनदेन को चिन्हित किया है, जो एक करोड़ रुपये के ऊपर के हैं। आयकर विभाग को शक है कि इन लेन देन में काले धन का इस्तेमाल किया गया है। प्रॉपर्टी की खरीद बिक्री करने वाले ऐसे लोगों ने अपना इनकम टैक्स रिटर्न भी फाइल नहीं किया गया है। आईटी द्वारा संदिग्ध आंकड़ों की जांच के दौरान ये खुलासा सामने आया है। अब विभाग इस बात की जांच कर रहा है कि इन प्रॉपर्टी को कैसे खरीदा गया और इसके लिए रकम कहां से लाये गये थे? आईटी ने कहा है कि जांच के दौरान कई लोगों के लेन-देन में गड़बड़ी पाई गई है। विभाग आंकड़ों के खेल में छुपे ब्लैक मनी को सामने लाने की कोशिश कर रहा है। नोटबंदी के बाद आयकर विभाग ने ऐसे टैक्स चोरों और कालेधन के मालिकों की पहचान के लिए ऑपरेशन ब्लैक मनी लॉन्च किया है।

नोटबंदी के बाद ब्लैक मनी के जाल का पर्दाफाश करने के लिए आयकर विभाग के रडार पर वैसे 9 लाख 72 हजार लोग भी हैं जिन्होंने 13 लाख 33 हजार खातों में 2 लाख 89 हजार करोड़ रुपये जमा करवाये हैं। आयकर से मिली जानकारी के मुताबिक ऐसे 35 हजार मामलों में ऑनलाइन पूछताछ की गई है, जबकि 78 सौ मामलों का ऑनलाइन वेरीफिकेशन किया गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ऐसे टैक्स चोरों का पता लगाने के लिए डेटा विश्लेषण अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है।

बता दें कि नोटबंदी के बाद आईटी ने कालेधन की खोज और सर्वे तेज कर दी है। नोटबंदी के बाद आईटी द्वारा की जाने वाली खोज में 158 फीसदी का इजाफा हुआ है। आईटी द्वारा जब्त किये जाने वाले मामले भी 106 फीसदी बढ़ गये हैं। जबकि 38 फीसदी लोगों ने स्वीकार किया है कि उनके पास अघोषित स्रोत से पैसा आया है। इसी तरह आईटी द्वारा किये जाने वाले सर्वे 183 फीसदी बढ़ गया है।

 

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