कासगंज हिंसा: चंदन की बहन बोलीं- हमने मांग रख दी, पर सीएम कुछ बोले नहीं, अब जो फैसला लें
कासगंज हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता की बहन ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपने भाई को शहीद का दर्जा देने की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपनी मांग लिखित में सौंप दी है, लेकिन हमलोगों को नहीं मालूम कि मुख्यमंत्री इस पर क्या फैसला लेने जा रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस पर कुछ नहीं कहा है।’ गणतंत्र दिवस के मौके पर निकाली गई तिरंगा यात्रा के दौरान भड़की सांप्रदायिक हिंसा में चंदन गुप्ता की गोली लगने से मौत हो गई थी। घटना के बाद से उन्हें शहीद का दर्जा देने की मांग उठने लगी है। चंदन की बहन के बयान के बाद लोगों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं। अमित कुमार तिवारी ने ट्वीट किया, ‘सर उन्हें शहीद का दर्जा दें…वह अपने व्यक्तिगत विवाद के लिए नहीं बल्कि तिरंगा यात्रा के लिए मारा गया। कासगंज के आतंकियों ने जिसका विरोध किया था।’ ओंकार ने लिखा, ‘हर एक तिरंगा प्रेमियों के दिल में चंदन गुप्ता तेरा नाम रहेगा। तिरंगा के सम्मान में एक जान क्या पूरा हिंदुस्तान कुर्बान करेगा।’ सौरभ चहल ने ट्वीट किया, ‘बहन जो आपके भाई के साथ हुआ वह कभी नहीं नहीं होना चाहिए था, लेकिन शहीद के दर्जे की मांग बहुत ज्यादा है। सरकार आपकी मांग कभी स्वीकार नहीं करेगी।’
He (CM Yogi Adityanath) didn’t say anything about it. We have submitted our demands in written form but we don’t know what decision is he going to take: Chandan Gupta’s sister on being asked about the family’s demand of ‘martyr’ status for him #KasganjClashes pic.twitter.com/9NARgmr4w6
— ANI UP (@ANINewsUP) February 6, 2018
चंदन की मां पहले ही कह चुकी हैं कि उनके बेटे को ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ बोलने को कहा जा रहा था। ऐसा न बोलने पर उसे गोली मार दी गई थी।उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपने बेटे के लिए न्याय की भी मांग की थी। चंदन की हत्या के मुख्य आरोपी सलीम को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। उसे दबोचने की जिम्मेदारी एसटीएफ को सौंपी गई थी। चंदन की हत्या के बाद इलाके में तनाव और बढ़ गया था। हिंसक घटनाओं में संपत्तियों को व्यापक नुकसान पहुंचा। यहां तक कि रोडवेज के बसों को भी जला दिया गया था। हिंसा भड़कने को लेकर भी विरोधाभासी बातें सामने आई हैं। पुलिस अधिकारियों के साथ ही चश्मदीदों ने भी बताया था कि सभी युवक अनाधिकृत तरीके से बाइक पर तिरंगा यात्रा निकालते हुए इलाके में पहुंचे थे। वहां पहले से ही तिरंगा फहराने की तैयारियां चल रही थीं। बाइक सवार युवाओं ने कुर्सियां हटाने को कहा था। इसी बात को लेकर दोनों पक्ष सामने आ गए थे।