कासगंज हिंसा: चंदन को “भगवा” ने मारा- यह लिखने वाली अफसर पर एक्शन, हटानी पड़ी पोस्ट

कासगंज सांप्रदायिक हिंसा के मामले में फेसबुक पर पोस्ट लिखने वाली सहारनपुर की महिला अफसर रश्मि वरुण से जब स्पष्टीकरण मांगा गया तब उन्होंने शनिवार को पोस्ट हटा दी। दरअसल, डिप्टी डायरेक्टर (सांख्यिकी) रश्मि ने कासगंज हिंसा के बाद फेसबुक पर लिखा था कि चंदन को किसी व्यक्ति ने नहीं बल्कि ‘भगवा’ ने मारा। कासगंज मामले में किया गया यह पोस्ट काफी वायरल हुआ, बहुत से लोगों ने इसकी आलोचना भी की, जिसके बाद डिप्टी डायरेक्टर ने इसे हटा दिया और कहा कि भगवा शब्द का इस्तेमाल करना सही नहीं था। संडे एक्सप्रेस से बात करते हुए रश्मि ने कहा कि भगवा शब्द का इस्तेमाल करना गलत था, लेकिन उनसे यह गलती अनजाने में हुई थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘मैं यह समझाना चाहती हूं कि जब भीड़ में फायरिंग हो रही थी, उस वक्त किसी की भी बंदूक से निकली हुई गोली चंदन गुप्ता को मार सकती थी।’ इसके अलावा रश्मि ने बताया कि यह पोस्ट 5-6 दिन पहले लिखा गया था। उन्होंने कहा, ‘मेरा उद्देश्य किसी को दुख पहुंचाने का नहीं था। मैंने भगवा शब्द का इस्तेमाल गलती से किया था, बिना किसी इरादे के और मैं इसके लिए माफी भी मांगती हूं।’

दरअसल फेसबुक पोस्ट वायरल होने के बाद सहारनपुर जिला मजिस्ट्रेट पीके पांडेय ने इस मामले में रश्मि से स्पष्टीकरण मांगा था, जिसके बाद उन्होंने इसे सोशल मीडिया से हटा दिया। पांडेय ने कहा कि चूंकि रश्मि डिप्टी डायरेक्टर (सांख्यिकी) के तौर पर सहारनपुर कमिश्नर के तहत काम करती हैं, इसलिए उन्होंने इस पर सफाई मांगी, क्योंकि वर्तमान में वह ही कमिश्नर हैं।

क्या लिखा था रश्मि वरुण ने?
महिला अफसर की जो पोस्ट वायरल हुई थी उसमें उन्होंने लिखा था, ‘तो ये थी कासगंज की तिरंगा रैली… कोई नई बात नहीं है ये, अंबेडकर जयंती पर सहारनपुर सड़क दुधली में भी ऐसी ही रैली निकाली गई थी, जिसमें अंबेडकर गायब थे या कहिए कि भगवा रंग में विलीन हो गए थे। कासगंज में भी यही हुआ, तिरंगा तो शवासन में रहा, भगवा ध्वज शीर्ष (आसन) पर। जो लड़का मारा गया उसे किसी दूसरे-तीसरे समुदाय ने नहीं मारा, उसे केसरी, सफेद और हरे रंग की आड़ लेकर भगवा ने खुद मारा। जो बताया नहीं जा रहा वो यह है कि अब्दुल हमीद की मूर्ति या तस्वीर पर तिरंगा फहराने की बजाय इस तथाकथित तिरंगा रैली में चलने की जबरदस्ती की गई और केसरिया, सफेद, हरे और भगवा रंग पे लाल रंग भारी पड़ गया।’ वहीं कुछ दिनों पहले बरेली के डीएम आरवी सिंह ने भी फेसबुक पर कासगंज हिंसा के बाद पोस्ट लिखा था, जिसे लेकर उन्हें बाद में माफी भी मांगनी पड़ी थी। उन्होंने लिखा था कि आजकल यह रिवाज बन गया है कि मुस्लिम मोहल्लों में जुलूस लेकर जाओ और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाओ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *