‘किंग ऑफ पॉप’ पुण्यतिथि विशेष: महात्मा गांधी की इस बात से माइकल जैक्सन थे प्रभावित, सबसे इमोशनल स्पीच में किया था जिक्र

9 साल पहले आज के दिन (25 जून) को 40 दशक तक संगीत की दुनिया पर राज करने वाला ‘किंग ऑफ पॉप’ दुनिया से अलविदा हो गया था। इस दुनिया में ‘किंग ऑफ पॉप’ किसी को कहा गया तो वह एक मात्र माइकल जैक्सन ही थे, जिन्हें उनके प्रशंसकों के बीच एमजे के नाम से भी जाना जाता है। माइकल जैक्शन ने अपनी असाधारण गायन और नृत्य शैली से करोड़ों संगीत प्रेमियों के दिलो-दिमाग पर राज किया लेकिन एक बात ऐसी थी जो उनके ही दिल को हमेशा कचोटती थी। माइकल जैक्सन ने पांच वर्ष की उम्र में गाना शुरू कर दिया। उनके पिता जोसेफ जैक्सन एक बैंड चलाते थे जिसमें उनके चार और भाई जैकी, टिटो, जरमैन और मार्लोन परफॉर्म करते थे। बैंड का नाम था ‘जैक्सन 5’। नाम, शोहरत और दौलत सब मिला लेकिन बचपन खो गया था। बचपन को बचपन की तरह न जी पाने का गम माइकल जैक्सन का ताउम्र सताता रहा और जब 2001 में ऑक्सफोर्ड यूनियन उन्होंने अपना पहला सार्वजनिक और सबसे इमोशनल कहा जाने वाला भाषण दिया तो उसमें बचपन मुद्दे के तौर पर उमड़ पड़ा।

माइकल जैक्सन ने अपने अनुभव गिनाते हुए महात्मा गांधी की एक बात को कोट करते हुए कहा था, ”कमजोर कभी माफ नहीं कर सकते हैं। माफ करना ताकतवर का गुण है।” माइकल जैक्सन ने यह बात इस संदर्भ में कही थी कि जिन लोगों को बचपन जीने का मौका नहीं मिला, वे उस बात को लेकर मायूस होकर अपने को कमजोर न बनाएं, बल्कि ताकतवर बनें और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को माफ कर देंं। उनका कहने का मतलब था कि वे लोग उन लोगों को इसलिए माफ कर दें ताकि फिर से नई शुरुआत हो सके, शुरुआत बचपन को जी लेने की और प्यार बांटने की। माइकल ने कहा था कि पिता और बच्चों के बीत टूट चुके रिश्ते को बहाल करना चाहिए।

उन्होंने कहा था, ”आज की रात, ताकतवर बनिए। ताकतवर होने से परे, सभी के लिए सबसे बड़ी चुनौती की बात उठाइए- उस टूटे हुए अनुबंध को बहाल करने के लिए। बचपन के हमारे जीवन पर होने वाले किसी भी अप्रिय प्रभाव को हमें दूर करना होगा। जेसी जैक्सन के शब्दों में, एक दूसरे को माफ कर दो, एक-दूसरे के काम आओ और आगे बढ़ो।” जेसी जेक्सन अमेरिकी समाज सुधारक थे और ड्रेमोक्रेटिक पार्टी से तीन बार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रह चुके थे।

माइकल जैक्शन ने अपने एक एल्बम मून वॉकर के मैन इन द मिरर गाने में भी महात्मा गांधी की फुटेज का इस्तेमाल किया था। इसमें उन्होंने मार्टिन लूथर किंग और मदर टेरेसा जैसी हस्तियों की फुटेज का भी इस्तेमाल किया था। बच्चों के अधिकारों के लिए माइकल ने ‘हील द किड्स’ नाम की चैरिटी चलाई लेकिन जीवन के अंतिम दिनों में बाल यौन शोषण के आरोपों से भी नहीं बचे। हालांकि उन पर लगे आरोप अदालत में सही साबित नहीं हुए थे। कहा जाता है कि माइकल जैक्सन की मौत के बाद उनके कमरे से बच्चों की नग्न तस्वीरें भी बरामद की गई थीं।

17 साल पहले ऑक्सफोर्ड में दिया माइकल का भाषण पूरी तरह से बच्चों पर केंद्रित था और किसी महान विचारक और दार्शनिक की तरह बयां किया हुआ था। माइकल ने अपने भाषण में कहा था कि वह एक प्रस्ताव देना चाहते हैं जो हर घर में बच्चों के अधिकारों के सार्वभौमिक विधेयक को स्थापित करता है, जिनमें सिद्धांत हैं-

बिना कीमत चुकाए प्यार किए जाने का अधिकार।
लायक होने के बिना सुरक्षा का अधिकार।
कीमती महसूस करने का अधिकार, भले ही आप दुनिया में कुछ भी लेकर न आए हों।
रुचि न होने के बिना बात सुने जाने का अधिकार।
शाम के समाचारों के साथ प्रतिस्पर्धा किए बिना बेडटाइम स्टोरी पढ़ने का अधिकार।
स्कूलों से मिलने वाली जबरन शिक्षा के बिना शिक्षा का अधिकार
प्यार किए जाने योग्य समझे जाने का अधिकार (भले की आपका चेहरा ऐसा हो जिसे एक मां ही प्यार कर सकती है।)

माइकल के विचारों की झलक उनके गानों में भी झलकती थी। यूट्यूब पर उनके गाने आज भी सुने और देखे जाते हैं और प्रशंसकों के कमेंट्स थमे नहीं हैं। माइकल जैक्शन का रॉक एंड रोल हॉल ऑफ फेम में बतौर इकलौते गायक, गीतकार और डांसर शामिल होना, 13 ग्रैमी अवार्ड, आर्टिस्ट ऑफ द सेंचुरी, ग्रैमी लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड समेत अमेरिका के दो दर्जन से ज्यादा म्यूजिक अवॉर्ड से सम्मानित किया जाना उनके स्वर्णिम दौर की कहानी बखूबी बयां करता है। माइकल के गानों की लोकप्रियता को सहेजने के लिए एक नया म्यूजिक चैनल ही शुरू करना पड़ा था, जिसका नाम MTV रखा गया।

माइकल जैक्शन के ढेरों एल्बम्स में से ‘बीट इट’, ‘बिली जीन’ ‘थ्रिलर’ और ‘डेजरस’ आदि को बेहिसाब सफलता मिली। ‘थ्रिलर’ उनका सबसे ज्यादा बिकने वाला एलबम माना जाता है जिसकी 66 मिलियन से ज्यादा कॉपीज बिकीं। माइकल ने एंटी-ग्रेविटी जूतों का पेटेंट लिया था जिनकी मदद से वह डांस करने के दौरान काफी आगे तक झुक जाते थे। उन्होंने अपने दो को-डांसर्स को भी ये जूते दिलाए थे। 2000 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने माइकल को 39 सामाजिक संस्थाओं को मदद करने के कारण उन्हें सम्मानित किया था। माइकल जैक्सन की अंतिम यात्रा का सीधा प्रसारण करीब ढाई अरब लोगों ने देखा था।

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