किसान आंदोलन महाराष्ट्र : राहुल गांधी बोले- PM, CM अहंकार पर अड़े नहीं, किसानों की जायज मांगों को पूरा करें

अपनी कई मांगों पर दबाव बनाने के लिए नासिक से छह मार्च को‘ लांग मार्च’ पर निकले महराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों के 40,000 से अधिक किसान मुंबई पहुंच गये हैं। सोमवार (12 मार्च) को किसानों के प्रतिनिधियों के साथ सीएम देवेन्द्र फड़णवीस ने मुलाकात की। राज्य सरकार ने इनकी मांगों पर सकारात्मक रूप से विचार करने का भरोसा दिया है। CPI(M) से ताल्लुक रखने वाले ऑल इंडिया किसान सभा की अगुवाई में किसान महाराष्ट्र सरकार की ऋणमाफी योजना के उपयुक्त क्रियान्वयन की मांग कर रहे हैं। उनकी अन्य मांगें भी हैं। इन किसानों ने 6 मार्च को यात्रा शुरू की थी और अबतक पिछले 6 दिनों में 160 किलोमीटर की यात्रा तय कर चुके हैं। किसानों के इस आंदोलन को शिवसेना, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, कांग्रेस और आप का समर्थन हासिल है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम देवेंद्र फडणवीस से अपील की है कि वे किसानों की मांग को मान लें और इसके लिए अपने इगो को सामने आने ना दें। राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा है कि मुंबई में  किसानों का महामार्च लोगों की शक्ति का उदाहरण है, कांग्रेस पार्टी किसानों और आदिवासियों की मांगों के साथ है

मुंबई के डब्बावालों ने मार्च कर रहे महाराष्ट्र के किसानों को खाना और पानी मुहैया कराया है। मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन के प्रवक्ता सुभा, तालेकर ने कहा कि हमलोग उन्हें भोजन मुहैया करा रहे हैं, क्योंकि हमें खाना वहीं मुहैया कराते हैं, और आज वे राज्य के दूर-दराज इलाकों से यहां आए हैं। इसके अलावा स्थानीय लोगों ने भी प्रदर्शनकारी किसानों को वड़ा पाव मुहैया कराया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिये किसानों के मार्च मुद्दे पर राज्य सरकार पर हमला बोला है। शिवसेना ने कहा है कि राज्य सरकार किसानों से झूठे वादे कर रही है। सामना में लिखा है कि धुलै के एक किसान धर्मा पाटिल ने मंत्रालय में आकर खुदकुशी कर ली। अब हजारों धर्मा पाटिल जय किसान के नारे के साथ मंत्रालय की ओर आ रहे हैं। किसान का गुस्सा और दर्द इस सरकार का नाश कर देगा। किसानों के प्रदर्शन पर CM देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में एक बयान दिया और कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को बता दिया वह उनके साथ बातचीत को तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यद्यपि वरिष्ठ मंत्री गिरीश महाजन प्रदर्शन कर रहे किसानों के मुख्य नेताओं साथ संपर्क में हैं। फिर भी किसान मार्च को आगे ले जाना चाहते हैं। राज्य सरकार ने कहा कि वह किसानों और आदिवासियों की मांग को लेकर सकारात्मक रुख अख्तियार करेगी।

प्रदर्शन कर रहे किसानों को कलाकारों का भी साथ मिला है। किसानों के साथ लगभग 50 कलाकार जुड़े हैं। इनमें यलगार, बैन्ड, कल्शांगिनी नाम की संस्थाएं शामिल हैं, ये कलाकार इनका हौसला बढ़ा रहे हैं और उनके संघर्ष को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसार कर रहे हैं। आजाद मैदान की ओर कूच करने से पहले सौमेया ग्राउंड पर कलाकारों ने किसानों का हौसला बढ़ाया।

 

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