कुमार ने कैसे खोया अरविंद केजरीवाल का विश्वास और क्यों नहीं पाया राज्यसभा टिकट, जानिए

आम आदमी पार्टी (AAP) ने राज्‍यसभा की तीन सीटों के लिए अपने प्रत्‍याशियों के नामों की घोषणा कर चुकी है। पार्टी के संस्‍थापक सदस्‍यों में से एक कुमार विश्‍वास को टिकट नहीं मिलने पर पार्टी में शुरू कलह बढ़ती ही जा रही है। विश्‍वास ने उम्‍मीदवारों के नामों की घोषणा होने के बाद सार्वजनिक तौर पर कहा था कि उन्‍हें सच बोलने की सजा दी गई है। बताया जाता है कि पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने उन्‍हें राज्‍यसभा का प्रत्‍याशी बनाने को लेकर आश्‍वस्‍त भी किया था। फिर ऐसी कौन सी वजह रही कि उनका पत्‍ता कट गया और अरविंंद केजरीवाल का विश्‍वास भी खो दिया? विश्‍वास ने सर्जिकल स्‍ट्राइक और नोटबंदी का खुलेआम समर्थन किया था जो पार्टी के शीर्ष नेतृत्‍व को नागवार गुजरा था। इसके बाद भी लगातार कई ऐसी घटनाएं हुईं जिससे विश्‍वास और पार्टी के बीच ‘अविश्‍वास’ की खाई चौड़ी होती गई। स्थिति यह हो गई है कि AAP नेतृत्‍व अब अपने ही नेता पर पार्टी को खत्‍म करने का आरोप लगा रही है।

विश्‍वास द्वारा कपिल मिश्रा के खिलाफ रुख स्‍पष्‍ट न करना AAP नेतृत्‍व को नागवार गुजरा था। कपिल पर बीजेपी के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। इस घटना के बाद कुमार विश्‍वास पार्टी में अलग-थलग पड़ गए थे। इससे पहले पंजाब विधानसभा चुनाव में विश्‍वास की सक्रियता को लेकर भी सवाल उठे थे। विश्‍वास भ्रष्‍टाचार के खिलाफ चलाए गए अभियान के समय से ही अरविंद केजरीवाल के साथ हैं। वह कई मौकों पर कह चुके हैं कि केजरीवाल उनके मित्र हैं, बॉस नहीं। मालूम हो कि विश्‍वास AAP के राजस्‍थान प्रभारी भी हैं। ताजा घटनाक्रम के बाद उनकी इस भूमिका को लेकर फिलहाल तस्‍वीर साफ नहीं है।

हमला तेज: AAP ने विश्‍वास पर हमला तेज कर दिया है। पार्टी के दिल्‍ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने अपने ही नेता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्‍होंने कहा कि नगर निगम चुनाव के बाद से विश्‍वास ने हर मौके पर मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पार्टी को बदनाम किया है। ऐसे में वह राज्‍यसभा का इस्‍तेमाल भी पार्टी को खत्‍म करने के लिए करते। गोपाल राय ने कहा, ‘एमसीडी चुनाव के दौरान AAP को खत्‍म करने की साजिश के केंद्र में कुमार विश्‍वास ही थे। षडयंत्र को अंजाम तक पहुंचाने को लेकर सारी बैठकें विश्‍वास के घर पर हुई थीं। इसमें उन्‍हें कपिल मिश्रा का सहयोग मिला था। पार्टी ने उन्‍हें राष्‍ट्रीय परिषद और राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन में बोलने का मौका दिया था। विश्‍वास ने इसका इस्‍तेमाल भी AAP को तोड़ने के लिए किया था।’

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