कुमार विश्वास की चुप्पी पर कपिल ने उठाए सवाल

आम आदमी पार्टी (आप) के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास को पत्र लिखकर उनकी चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। अपने पत्र में मिश्रा ने लिखा है कि पिछले साल 8 नवंबर को जब नोटबंदी हुई तो उन्होंने इसकी तारीफ में ट्वीट किया, लेकिन कुमार के कहने पर ट्वीट हटा लिया क्योंकि कुमार ने कहा था कि केजरीवाल कुछ लोगों से पूछकर निर्णय लेंगे कि नोटबंदी पर क्या प्रतिक्रिया देनी है। तीन दिन तक पार्टी में किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। फिर निर्णय हुआ कि पार्टी नोटबंदी का विरोध करेगी। उन्होंने कुमार विश्वास से खुलासा करने को कहा है कि आखिर केजरीवाल ने किन लोगों से बात करके विरोध करने का निर्णय लिया और अचानक इतनी रैलियों का पैसा कहां से आया?

मिश्रा ने लिखा है कि नोटबंदी के दौरान ग्रेटर कैलाश में छापा पड़ा, वहां पर गद्दों में, बाथरूम में और सोफे में सब जगह नोटों को गड्डियां मिलीं। जिस कंपनी पर छापा पड़ा उसी कंपनी के एक निदेशक ने लोकसभा चुनाव में बनारस में केजरीवाल के नामांकन से ठीक पहले हवाला के माध्यम से 5 अप्रैल की रात 12 बजे 2 करोड़ रुपए पार्टी को दिए थे। उन्होंने लिखा है कि ऐसा ही सेना के लक्षित हमलों के बाद हुआ। इस मामले में बोलने से पहले भी केजरीवाल ने कुछ बाहरी लोगों से राय ली थी। कपिल ने कुमार से कहा है कि उन्हें सारा सच पता है फिर भी वे बोल नहीं रहे।

दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री ने कुमार को अपने पत्र में यह भी लिखा है कि दिल्ली में शीला दीक्षित के खिलाफ एक भी जांच नहीं होने दी गई और जो जांच उन्होंने करवाई उसका भी बुरा हश्र हुआ। उन्होंने लिखा है कि दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की फर्जी कंपनियों, हवाला सौदे, जैन और उनकी पत्नी के शेयर डिटेल्स व दिल्ली में ली गई करोड़ों की बेनामी संपत्ति इन सबकी जानकारी कुमार को है। ऐसे में उन्हें इन तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखनी चाहिए।

 

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