कुमार विश्वास ने कहा- मुझे भेजें राज्यसभा, पर ‘आप’ राजस्थान लड़ाना चाहती है अजमेर लोकसभा उपचुनाव
कुमार विश्वास और आम आदमी पार्टी (आप) नेतृत्व के बीच राज्यसभा सीट को लेकर खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है। पार्टी की राजस्थान इकाई ने विश्वास को अजमेर लोकसभा उपचुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवार बनाने की मांग की है। यह मांग ऐसे समय की गई है जब कुमार विश्वास पार्टी से पहले ही खुद को राज्यसभा के लिए उम्मीदवार घोषित करने की बात कह चुके हैं। केंद्रीय मंत्री सांवर लाल जाट के निधन के बाद अजमेर में उपचुनाव कराना जरूरी हो गया है। चुनाव आयोग ने इसके लिए अभी तक कोई तिथि तय नहीं की है।
‘आप’ राजस्थान के नेता सुनील अगीवाल ने कुमार विश्वास को अजमेर उपचुनाव में पार्टी की तरफ से उतारने की मांग की है। उन्होंने खुद वर्ष 2014 में भीलवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे। वह सोमवार को दिल्ली पहुंचे हैं। सुनील ने कहा, ‘हमने अजमेर लोकसभा उपचुनाव के लिए कुमार विश्वास को उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव रखा है। यहां जल्द ही चुनाव होने वाला है। विश्वास हमेशा हमलोगों से कहते रहे हैं कि उनका परिवार अजमेर में है।’ उन्होंने बताया कि इस बात को लेकर पार्टी नेताओं का एक दल राजनीतिक मामलों की समिति से मुलाकात करेगी। समिति ‘आप’ की राजनीतिक मामलों से जुड़े फैसले लेने वाली सर्वोच्च संस्था है। सुनील ने बताया कि विश्वास को उम्मीदवार बनाने से पार्टी को राजस्थान में बहुत मदद मिलेगी। यदि वह जीतते हैं तो वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी एक विजेता के तौर पर मैदान में उतरेगी। पराजय मिलने की स्थिति में भी वह जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं को यह संदेश देने में सफल रहेंगे कि तमाम बाधाओं के बावजूद वह चुनाव मैदान में उतरे। सुनील ने कुमार विश्वास से इस बाबत बात करने का भी दावा किया है।
कुमार विश्वास के खिलाफ गड़बड़ी का प्रयास?: विश्वास के करीबी एक ‘आप’ नेता ने मौजूदा घटनाक्रम को उनके खिलाफ गड़बड़ी करने का प्रयास करार दिया है। इस नेता ने कहा, ‘पार्टी ही कुमार विश्वास के खिलाफ गड़बड़ी करने की कोशिश कर रही है। इस तरीके (अजमेर से उपचुनाव लड़ा कर) से उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार न बनाने का बहाना मिल जाएगा। पार्टी में ही कुछ ऐसे तत्व हैं जो विश्वास के खिलाफ काम कर रहे हैं।’ मालूम हो कि आम आदमी पार्टी दो खेमों में बंट गई है। एक का प्रतिनिधित्व कुमार विश्वास कर रहे हैं तो दूसरी तरफ अमानतुल्ला खान जैसे राजनीतिक मामलों की समिति से जुड़े नेता हैं।