केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय: ABVP ने मुंह की खाई, कुनबे की लड़ाई सड़क पर आई

उत्तराखंड में छात्रसंघ के चुनाव के कारण भाजपा की फूट खुलेआम सड़कों पर आ गई है। भाजपा समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को इस बार उत्तराखंड में छात्रसंघ के चुनाव में करारा झटका लगा है। हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय में एबीवीपी को इस बार हार का मुंह देखना पड़ा, जबकि सूबे में भाजपा की सरकार है। ऐसे में भाजपा समर्थित छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की हार उसके लिए खतरे की घंटी है। इस बार गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में छात्रों के गैर राजनीतिक संगठन जय हाउस के उम्मीदवार प्रदीप पंवार ने एबीवीपी के उम्मीदवार को बुरी तरह हराया। हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय उत्तराखंड के छात्रसंघ के चुनाव की सबसे बड़ी धुरी है।

इसका व्यापक असर सूबे की राजनीति में पड़ता है। गढ़वाल विश्वविद्यालय के तहत गढ़वाल मंडल में 45 महाविद्यालय आते हैं। सूबे के गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के चुनाव में इस बार एबीवीपी की फूट खुलकर सामने आई। एबीवीपी के उम्मीदवारों को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। निर्दलीय उम्मीदवारों का दबदबा रहा। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में एबीवीपी के उम्मीदवार तरुण चौहान को एकतरफा शिकस्त देते हुए निर्दलीय उम्मीद विक्रम भुल्लर ने 835 वोटों से जीत हासिल की। सचिव पद पर भी निर्दलीय उम्मीदवार सिद्धार्थ कुमार ने एबीवीपी उम्मीदवार को हराया।

एबीवीपी के हारे उम्मीदवारों ने हार का ठीकरा भाजपा के हरिलार ग्रामीण क्षेत्र के विधायक स्वामी यतिश्वरानंद के सिर पर फोड़ा। गुस्साए एबीवीपी के समर्थक छात्रों ने भाजपा विधायक के आवास वेद मंदिर में हमला बोल दिया और विधायक के समर्थकों की जमकर पिटाई की। साथ ही विधायक का पुतला भी फूंका और भाजपा विधायक के आवास पर जमकर तोड़फोड़ की। भाजपा विधायक स्वामी यतिश्वरानंद पर भी हमला बोला। भाजपा विधायक ने हमलावरों का मुकाबला लाठी चलाकर किया। छात्रसंघ चुनाव को लेकर भाजपा की खासी किरकिरी हो रही है। अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाली भाजपा का अनुशासन छात्रसंघ चुनाव में तार-तार हो गया है। भाजपा का झगड़ा इतना ज्यादा बढ़ गया कि राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के प्रांतीय प्रचारक युद्धवीर को इस मामले में दखल देना पड़ा। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में इस बार अभी तक छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए हैं।

पिछले साल हुए छात्र संघ चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार शिवचरण नौडियाल ने एबीवीपी के उम्मीदवार को करारी शिकस्त दी थी। उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के अंतर्गत सौ महाविद्यालय आते हैं। अभी तक इस साल इस विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए। पिछले साल हुए छात्रसंघ चुनाव में कांग्रेस समर्थित छात्र संगठन एनएसयूआई के उम्मीदवार विजय सिंह मेहरा ने एबीवीपी के उम्मीदवार को धूल चटाई थी। इस तरह उत्तराखंड के विश्वविद्यालयों मेंं छात्रसंघ के चुनाव में भाजपा की जमीन दरक रही है। भाजपा से जुड़े छात्र नेताओं का मानना है कि छात्रसंघ के चुनाव में एबीवीपी की हार की मुख्य वजह राज्य की भाजपा सरकार लारा शिक्षकों और छात्रों पर जबरन थोपा गया ड्रेस कोड है।

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