केंद्रीय मंत्री को जवाबी चिट्ठी में सीएम केजरीवाल ने लिखा- मेट्रो को अपने अधिकार में लेने को तैयार

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलान किया है कि यदि केंद्र इजाजत दे तो उनकी सरकार दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) को अपने अधिकार करने को तैयार है। उनका कहना है कि यदि मेट्रो पूरी तरह दिल्ली सरकार को सौंप दी जाती है तो वह बगैर किराया बढ़ाए अन्य तरीकों से इसका सुचारु परिचालन करेंगे। सोमवार को होने वाले दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र से ठीक पहले मुख्यमंत्री का यह एलान इस बात का संकेत है कि सदन में भी इस मुद्दे पर गर्मागर्म बहस होगी। दरअसल, मुख्यमंत्री केजरीवाल ने रविवार को केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी को एक जवाबी चिट्ठी भेजी। पुरी ने मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजकर कहा था कि यदि मेट्रो का किराया नहीं बढ़ाया गया तो इसके घाटे की पूर्ति के लिए दिल्ली सरकार को प्रत्येक साल तीन हजार करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता मेट्रो को देनी पड़ेगी। इसके जवाब में केजरीवाल ने लिखा है कि दिल्ली मेट्रो में केंद्र और दिल्ली सरकार की बराबर हिस्सेदारी है। ऐसे में केंद्र को भी 1500 करोड़ रुपए देने चाहिए, बाकी का 1500 करोड़ रुपए दिल्ली सरकार चुकाने को तैयार है।

उन्होंने अपने पत्र में सवालिया लहजे में कहा है कि यदि केंद्र कोलकाता मेट्रो का 100 फीसद खर्च उठाने को तैयार है तो फिर उसे दिल्ली मेट्रो का 50 फीसद खर्च उठाने में भी कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने लिखा है कि दिल्ली सरकार को मेट्रो को पूरी तरह टेकओवर करने में भी कोई दिक्कत नहीं है। बता दें कि डीएमआरसी में केंद्र और दिल्ली सरकार की बराबरी की भागीदारी है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री पुरी को अपने पत्र में यह भी लिखा है कि आपकी इस दलील में कोई दम नहीं है कि दिल्ली मेट्रो के लिए किराया निर्धारण समिति (एफएफसी) की सिफारिशें मानना मजबूरी है। उन्होंने कहा कि केंद्र की इस बात में भी कोई दम नहीं है कि वह एफएफसी के मामले में कोई निर्देश दिल्ली मेट्रो को नहीं दे सकती। उन्होंने पिछले कई वर्षों से एफएफसी का गठन नहीं किए जाने का ठीकरा भी केद्र सरकार के सिर फोड़ा। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नागेंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री द्वारा केंद्रीय मंत्री पुरी को पत्र भेजे जाने की पुष्टि करते हुए ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को बिंदुवार जवाब भेजा है।

 

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