केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा- फर्जी है महाराष्ट्र के एक मंत्री की पीएचडी डिग्री
केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह फिर से सुर्खियों में हैं। उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र के एक मंत्री की पीएचडी की डिग्री फर्जी है। ऐसे लोग पीएचडी की डिग्री तो हासिल कर ले रहे हैं, लेकिन उन्हें इसका फुल फॉर्म तक नहीं मालूम होता है। केंद्रीय राज्यमंत्री से जब इस बारे में मंत्री का नाम पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मेरा नाम सत्यपाल है।” आपको बता दें कि इससे पहले भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह मना था। दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में सिंह भी पहुंचे थे। हालांकि, उद्घाटन के बाद ही वह वहां से चल दिए थे। कार्यक्रम में चार्ल्स डार्विन के मानव के क्रम-विकास को सही ठहराया गया, जिसे सिंह गलत ठहरा चुके हैं। केंद्रीय राज्यमंत्री ने जनवरी में कहा था, “क्रम विकास को लेकर डार्विन का सिद्धांत गलत है। पूर्वजों में से किसी ने न तो कभी लिखित और न ही मौखिक रूप से बताया कि किसी बंदर को इंसान बनते हुए देखा। स्कूल-कॉलेजों में डार्विन के मानव के क्रम विकास संबंधी थ्योरी को हटा देना चाहिए।” सिंह की इस राय के बाद वैज्ञानिकों के बीच हलचल मच गई थी और इस वर्ग के एक हिस्से ने उनकी आलोचना की थी।
सिंह हाल ही में आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में कुर्रकुलव स्थित एयरपोर्ट के नजदीक फर्ग्युसन सेंटर फॉर हाइयर लर्निंग के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आए थे। उन्होंने महाराष्ट्र के मंत्री को लेकर यहीं पर चौंकाने वाला बयान दिया, जिसके बाद मुंबई में अटकलें लगाई जाना शुरू हो गईं कि फर्जी पीएचडी डिग्री वाला आखिर वह कौन सा मंत्री है?
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने आगे कहा, “पीएचडी डिग्री वाले शख्स को विषय की पूरी जानकारी होनी चाहिए। आजकल ऐसा नहीं होता है। मैंने तो ऐसे लोगों को डिग्री लेते हुए देखा है, जिनको पीएचडी का फुलफॉर्म तक नहीं पता होता है। वे पीएचडी में लिए विषय की पूरी जानकारी न होते हुए भी डिग्रीधारक बने हुए हैं। महज महाराष्ट्र में ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश में भी ऐसा होता है। यह एक गंभीर मसला है।”
फर्जी डिग्री वाले मंत्री के बारे में सत्यपाल बोले, “महाराष्ट्र में एक शख्स के पास ऐसी ही डिग्री है। वह महाराष्ट्र में मंत्री है। मैं उसका नाम नहीं बताऊंगा। यह भी खुलासा नहीं करूंगा कि उसने कहां से पीएचडी की डिग्री ली है। मैंने उस मंत्री से बात भी की थी। पूछा था कि कौन से विषय में पीएचडी है? थीसिस में क्या है? मगर जो जानकारी उसने दी, वह बताने लायक नहीं है।”