केंद्र के खिलाफ सड़क पर उतरेंगे संघ के संगठन

केंद्र सरकार की कई नीतियों के खिलाफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े दो बड़े संगठन स्वदेशी जागरण मंच और भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) महारैली करेंगे। स्वदेशी जागरण मंच की 29 अक्तूबर को रामलीला मैदान में और बीएमएस की 17 नवंबर को इसी ऐतिहासिक मैदान में महारैली है। स्वदेशी जागरण मंच केंद्र सरकार की कई आर्थिक नीतियों को लेकर नाराज है, और बीएमएस भी कई श्रम नीतियों के खिलाफ है। ये दोनों संगठन देशभर से लोगों को दिल्ली ला रहे हैं। वैसे स्वदेशी जागरण मंच का मुख्य एजंडा चीनी सामान का बहिष्कार करने का प्रचार करना है और बीएमएस नीति आयोग के खिलाफ हैं और वह आयोग के फैसलों को मजदूर, कामगार और कृषि विरोधी मानता है। इस महारैली के जरिए वह केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नीति आयोग को भंग करने की मांग करेगा।

स्वदेशी जागरण मंच की ओर से देशभर में स्वदेशी यात्रा निकाली जा रही है। वह यात्रा कल दिल्ली पहुंच रही है। ये यात्रा देशभर में आम लोगों के बीच एफडीआइ विरोधी प्रचार, चीनी सामान के बहिष्कार और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रचार करती आ रही है। मंच ने देशभर से व्यापारिक संगठनों और किसानों के संगठनों को अपने साथ एकजुट किया है। स्वदेशी जागरण मंच के दिल्ली के संयोजक सुशील पांचाल के मुताबिक देशभर में कई संगठन विगत कई साल से देश के विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर अपने स्तर पर संघर्ष कर रहे हैं। स्वदेशी जागरण मंच के मीडिया प्रभारी ताराचंद उपाध्याय ने बताया कि रविवार को दिल्ली में होने वाली महारैली में करीब दस देशों के उन राजदूतों को भी न्योता दिया गया है, जो चीन के विरोधी माने जाते हैं।

भारतीय मजदूर संघ ने नीति आयोग की टीम पर दृष्टिहीन और श्रमिक किसान विरोधी होने का आरोप लगाकर केंद्र से तत्काल नीति आयोग के फिर से गठन की मांग की है। बीएमएस के क्षेत्रीय संगठन मंत्री पवन कुमार के मुताबिक नीति आयोग केंद्रीय मंत्रालयों पर दबाव डालकर जनविरोधी नीतियां बना रहा है। वह शक्तिशाली कॉरपोरेट घरानों की कठपुतली बन गया है इसलिए देश को नुकसान पहुंचाने वाली नीतियां बना रहा है। बीएमएस के मुताबिक नीति आयोग ईपीएफओ और ईएसआइ मेडिकल स्कीम को राज्य सरकारों के हवाले करना चाहता है। आयोग सबसे ज्यादा दबाव श्रम मंत्रालय पर डाल रहा है। खुदरा व्यापार में सौ फीसद विदेशी पूंजी निवेश को दावत दी जा रही है। यह देश के लिए घातक है। इसे मेक इन इंडिया नहीं कहा जा सकता है। इस पूंजी निवेश से देश में छोटा व्यापारी दम तोड़ देगा और बेरोजगारी बढ़ जाएगी। इन सब मुद्दों को लेकर बीएमएस 17 नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में महारैली कर रहा है,

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