केजरीवाल का हमला- न्यायपालिका के साथ दिल्ली सरकार जैसा बर्ताव कर रही मोदी सरकार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि प्रधानमंत्री न्यायपालिका के साथ वैसा ही बर्ताव कर रहे हैं, जैसा वो दिल्ली सरकार के साथ करते हैं। दरअसल, पिछले कुछ दिनों से न्यायपालिका से जुड़े अलग-अलग मुद्दों पर विपक्षी नेता केंद्र सरकार पर न्यायपालिका के कार्यों में दखलंदाजी करने का आरोप लगा रहे हैं। मौजूदा समय में उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के एम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट में जज नहीं बनाए जाने को लेकर विवाद चल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने इस साल 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता इंदु मल्होत्रा और उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के एम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट में जज बनाने के लिए सिफारिश की थी। कॉलेजियम की सिफारिश पर जब कानून मंत्रालय ने कोई पहल नहीं की, तब फिर से कॉलेजियम ने फरवरी के पहले हफ्ते में कानून मंत्रालय को लिखा। इसके बाद कानून मंत्रालय ने प्रक्रिया शुरू की और सिर्फ इंदु मल्होत्रा की फाइल की आईबी जांच पूरी करवाई। केंद्र ने कॉलेजियम को जस्टिस जोसेफ के नाम पर दोबारा विचार करने का अनुरोध करते हुए फाइल फिर से सुप्रीम कोर्ट भेज दी।
अब बार एसोसिएशन के कई वकील जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट मे जस्टिस नहीं बनाए जाने से नाराज हैं और केंद्र सरकार के इस कदम का विरोध कर रहे हैं। वकीलों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से शिकायत की कि केंद्र सरकार ने जानबूझ कर जस्टिस जोसेफ के नाम को दोबारा विचार के लिए भेज दिया। वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने मुख्य न्यायाधीश से अपील भी की थी कि वो तब तक जस्टिस इंदु मल्होत्रा को शपथ नहीं दिलाएं, जब तक सरकार जस्टिस जोसेफ का नाम क्लियर न कर दे।
आपको याद दिला दें कि ये वही जस्टिस जोसफ हैं, जिन्होंने साल 2016 में केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने से संबंधित एक याचिका को खारिज कर दिया था। हालांकि, फिलहाल मुख्य न्यायाधीश ने इंदु मल्होत्रा को तो शपथ दिला दिया है, लेकिन बार एसोसिएशन की नाराजगी अभी तक खत्म नहीं हुई है। इससे पहले जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जज नहीं बनाए जाने पर कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने भी बीजेपी पर निशाना साधा था। पी चिंदबरम ने ट्वीट कर कहा था – “जस्टिस जोसेफ की नियुक्ति क्यों रोकी गई? क्या उनका राज्य या धर्म या फिर उत्तराखंड मामले में दिया गया उनका फैसला उनकी राह में रोड़ा है?”
इस विवाद के अलावा, कुछ ही दिन पहले चीफ जस्टिस पर महाभियोग लाने को लेकर भी कांग्रेस और बीजेपी में आपसी तनातनी हुई थी। कांग्रेस ने मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के सामने प्रस्ताव रखा था, लेकिन उपराष्ट्रपति ने विपक्ष के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के चार जस्टिस के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ किये गये प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद से ही कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल भाजपा को लगातार निशाने पर ले रहे हैं और न्यायपालिका के कामों में दखलंदाजी का आरोप भी लगा रहे हैं।