केजरीवाल को मिला आधा दर्जन दलों का साथ, शिवसेना और जेडीयू भी समर्थन में उतरी

पिछले आठ दिनों से उप राज्यपाल के आवास पर धरना दे रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सोमवार (18 जून) को दो और राजनीतिक दलों का भी साथ मिल गया। केंद्र सरकार में एनडीए की सहयोगी शिवसेना अरविंद केजरीवाल के समर्थन में उतर आई है। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अरविंद केजरीवाल से फोन पर बात की है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के साथ जो हो रहा है, वो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने अनूठे ढंग में आंदोलन शुरू किया है। एनडीए की एक और सहयोगी पार्टी और बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड ने भी अरविंद केजरीवाल का समर्थन किया है। पार्टी के महासचिव पवन वर्मा ने कहा कि एक चुनी हुई सरकार को काम करने दिया जाना चाहिए।

बता दें कि इससे पहले चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने शनिवार (16 जून) को धरने पर बैठे केजरीवाल से मिलने की लिखित इजाजत दिल्ली के एलजी से मांगी थी लेकिन उन्हें इसका कोई जवाब नहीं मिला। तब चारों मुख्यमंत्रियों ने केजरीवाल के आवास पर जाकर उनकी पत्नी से मुलाकात की थी। इस दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा था कि दिल्ली में संवैधानिक संकट आ खड़ा हुआ है। उन्होंने भी कहा था कि एक चुनी हुई सरकार को काम करने से नहीं रोका जाना चाहिए। ममता बनर्जी के साथ सीपीआईएम नेता और केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू शामिल थे।

अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल के तीन सहयोगी पिछले सोमवार (11 जून) को आईएएस अधिकारियों की कथित हड़ताल को खत्म कराने की मांग पर एलजी अनिल बैजल के आवास पर धरने पर बैठ गए थे। तब से वो लगातार आज (18 जून) आठवें दिन वहीं धरने पर बैठे हैं। इनमें से दो मंत्री भूख हड़ताल पर हैं। स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन की तबियत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इधर, दिल्ली हाईकोर्ट ने आप नेताओं के धरने पर कड़ी टिप्पणी की है और पूछा है कि एलजी के आवास पर धरने पर बैठने की इजाजत किसने दी?

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