केजरीवाल सरकार ने 7000 स्नातकों के लिए निकाला जॉब ऑफर, प्रतिदिन मिलेंगे 1500 रुपये!

दिल्ली सरकार ने मंगलवार को दिल्ली में परिवारों के आंकड़े एकत्र करने के लिए स्नातकों के लिए क्षेत्र सर्वेक्षकों की 7000 से ज्यादा नौकरियों की घोषणा की। इसके लिए 1,500 रुपये प्रति दिन का पारिश्रमिक दिया जाएगा। अर्थशास्त्र एवं सांख्यिकी निदेशालय (डीईएस) की एक अधिसूचना में कहा गया है, “डीईएस स्नातकों, सेवानिवृत्त अध्यापकों व सरकारी अधिकारियों व नागरिक रक्षा स्वंयसेवकों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित कर रहा है, जो क्षेत्र सर्वेक्षक के रूप में अल्पकालिक आधार पर परिवार के आंकड़े एकत्र करने के इच्छुक हैं। अधिसूचना में कहा गया है कि आंकड़े संग्रह करने का कार्य अक्टूबर व नवंबर के दौरान किया जाएगा। इच्छुक लोग डीईएस की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए 31 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं। डीईएस ने कहा, “क्षेत्र सर्वेक्षकों की पारिश्रमिक दर परिवार के हर सदस्य से जुड़ी सभी प्रविष्टियों को भरने के लिए 25 रुपये होगी। क्षेत्र सर्वेक्षक औसतन प्रति दिन 50-60 लोगों के आंकड़े जुटा सकते हैं और अपने प्रदर्शन के आधार पर वे प्रति दिन 1,250 रुपये से 1,500 रुपये कुल पारिश्रमिक कमाने में सक्षम होंगे।”

इससे पहले दिल्ली के श्रममंत्री गोपाल राय ने कहा था कि दिल्ली सरकार केंद्र की न्यूनतम मजदूरी योजना को अपनाएगी। दिल्ली सरकार ने ऐसा उच्च न्यायालय द्वारा इस मामले में उसकी अधिसूचना त्रुटिपूर्ण बताकर रद्द किए जाने के बाद किया है। गोपाल राय ने श्रमिक संघ के नेताओं के साथ बैठक के बाद मीडिया से कहा, “न्यूनतम मजदूरी पर केंद्र की अप्रैल में शुरू की गई योजना दिल्ली सरकार की योजना के मुकाबले ज्यादा मजदूरी सुनिश्चित करेगी।”

मंत्री ने कहा, “केंद्र की योजना के तहत कुशल श्रमिकों को दिल्ली सरकार के 16,800 रुपये के मुकाबले करीब 17,400 रुपये प्रति महीना मिलेगा।  उन्होंने कहा, “अकुशल श्रमिकों को दिल्ली सरकार की योजना के 13,800 रुपये के मुकाबले 14,300 रुपये प्राप्त होंगे। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शनिवार को मार्च की अधिसूचना को खारिज करते हुए दिल्ली में मजदूरों के लिए अधिकतम न्यूनतम मजदूरी को असंवैधानिक बताया।

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