केमिकल्स से सड़े हुए मांस को बनाते हैं ताजा, 20 टन माल बरामद
पश्चिम बंगाल की कोलकाता पुलिस ने गुरुवार को 20 टन सड़ा हुआ मांस जब्त किया था। पुलिस को शक है कि ये मांस मरे हुए पशुओं का है। शनिवार को पुलिस अधिकारियों ने बताया कि, मांस को सड़ने और बदबू से बचाने के लिए कैमिकल का इस्तेमाल किया जाता था। इस मांस को पैक करने के बाद पश्चिम बंगाल और आसपास के राज्यों में बिकने के लिए पहुंचा दिया जाता था। पुलिस ने इस मामले में 10 लोगों और उनके सरगना को गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना एक राजनीतिक पार्टी का नेता है। जब्त मीट के बारे में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि, ये मीट मुख्य रूप से फ्रोजन फूड बेचने वाले दुकानदारों, रेस्टोरेंट और डिपार्टमेंटल स्टोरों में भेजा जाता था। कारोबारी सड़े मीट की सप्लाई पश्चिम बंगाल के अलावा पास के राज्यों झारखण्ड, ओडिशा और बिहार में भी करते थे। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह के लोग अन्य राज्यों में भी हो सकते हैं।
दूसरे देशों तक फैला है नेटवर्क : कोलकाता पुलिस, जिले के अलावा सटे हुए जिलों जैसे नादिया, दक्षिण और उत्तरी 24 परगना जिलों में भी गिरोह की गतिविधियों के सबूत तलाशने की कोशिश कर रही है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमें शक है कि इन कारोबारियों ने सड़े मांस की आपूर्ति अंतरराष्ट्रीय बाजारों जैसे नेपाल और बांग्लादेश में भी की है। प्राथमिक पूछताछ के दौरान गिरफ्तार लोगों ने इस बात को स्वीकार किया है कि उन्होंने नेपाल के बाजारों में भी सड़े मांस की आपूर्ति की है। लेकिन हम इस बारे में पुख्ता सूचना जुटा रहे हैं। हमारे अधिकारी नेपाल पुलिस के अधिकारियों से संपर्क में हैं।
ऐसे प्रोसेस करते थे मांस : अधिकारियों का कहना है कि आरोपी पूरे पश्चिम बंगाल से मरे हुए मवेशियों का मांस जमा करते थे। पहले मांस को फॉर्मलीन से धोया जाता था। इसके बाद मांस से चर्बी को अलग कर लिया जाता था, ताकि मांस को सड़ने से बचाया जा सके। इसके बाद मांस को सुरक्षित रखने के लिए कैल्श्यिम प्रोपानोट का इंजेक्शन लगाया जाता था। इसके बाद मांस को अल्यूमीनियम सल्फेट और लेड सल्फेट के मिश्रण में डुबोते थे ताकि सड़ने की बदबू मांस से न उठे। इसके बाद मांस को पैक करने के बाद कई बाजारों और रेस्टोरेंट में इसकी आपूर्ति कर दी जाती थी।