केरल: अब सात समंदर पार से करा सकेंगे शादी का पंजीकरण, हाई कोर्ट के फैसले से होगा संभव
केरल हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में शादी का पंजीकरण कराने के लिए शारीरिक तौर पर मौजूद रहने की बाध्यता समाप्त कर दी है। अब सात समंदर पार रहने वाले बिना भारत आए भी अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसे कपल अब वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश होकर भी पंजीकरण करा सकते हैं। कोर्ट ने केरल रजिस्ट्रेशन ऑफ मैरिजेज (कॉमन) रूल्स, 2008 का हवाला देते हुए कहा कि इसमें कहीं भी इस बात का प्रावधान नहीं किया गया है कि शादी का पंजीकरण कराने के लिए दंपति का उपस्थित रहना जरूरी है। अमेरिका में रहने वाले प्रदीप और उनकी पत्नी बेरिल प्रदीप ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी।
प्रदीप कोल्लम के रहने वाले हैं। उन्होंने वर्ष 2000 में बेरिल से कडावुर स्थित एक चर्च में शादी की थी। वह वर्ष 2001 में परिवार समेत आयरलैंड चले गए थे। प्रदीप साल 2016 से परिवार के साथ अमेरिका में रह रहे हैं। उन्होंने एल-1 श्रेणी के तहत अमेरिकी वीजा हासिल किया था। अमेरिकी अधिकारियों ने स्थाई तौर पर देश में रहने के लिए उनसे मैरिज सर्टिफिकेट मांगा था। उस वक्त से ही उनकी समस्याएं बढ़ गई थीं। प्रदीप ने केरल के संबंधित अधिकारियों से इसको लेकर संपर्क साधा था, लेकिन अफसरों ने शरीरिक तौर पर मौजूद होने के बाद ही मैरिज सर्टिफिकेट जारी करने की बात कही थी। इस बीच, अमेरिका में नई इमिग्रेशन पॉलिसी लागू हो गई। इसके बाद कपल ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी थी। उन्हें भय था कि भारत जाने के बाद उन्हें अमेरिका में प्रवेश करने की अनुमति नहीं मिलेगी।
केरल हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यदि वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश होने से कपल की मौजूदगी सुनिश्चित की जा सकती है तो इसमें किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का भी हवाला दिया। इसमें आपराधिक मामलों की सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेशी के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग को मंजूरी दी गई थी। मालूम हो कि हाई कोर्ट के इस फैसले से बड़ी संख्या में लोगों को राहत मिलेगी। केरल के बहुत से लोग विदेशों में रहते हैं। हाई कोर्ट के फैसले से उन्हें राहत मिलेगी।