केरल में कत्लेआम पर दोहरे मानदंडों वाली रिपोर्टिंग को लेकर सागरिका घोष पर फूटा ट्विटर यूजर्स का गुस्सा

केरल में कत्लेआम का मसला इन दिनों छाया है। भाजपा अध्यक्ष ने राज्य में पार्टी और आरएसएस कार्यकर्ताओं संग हिंसात्मक घटनाओं के लिए लेफ्ट सरकार को जिम्मेदार बताया है। इस पर वरिष्ठ पत्रकार सागरिका घोष ने ट्वीट किया। लिखा कि आरएसएस और सीपीएम के बीच हुई की हिंसा की तुलना कैसे एक पत्रकार की मौत से हो सकती है।

बुधवार को केरल में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जन रक्षा यात्रा की शुरुआत की थी। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने राज्य में भाजपा और आरएसएस के तकरीबन 120 लोगों की मौतों का सीधा आरोप केरल की सरकार पर मढ़ा। उन्होंने इसके लिए सीएम पिनराई विजयन को जिम्मेदार बताया। घोष ने इसी को लेकर ट्विटर पर अपनी राय जाहिर की।

उन्होंने इस बारे में लिखा कि “केरल में आरएसएस बनाम सीपीएम के बीच हुई राजनीतिक हिंसा की तुलना कैसे एक निहत्थी पत्रकार की मौत से की जा सकती है।”

जैसे ही उनका यह ट्वीट आया, वैसे ही यूजर्स की उस पर तमाम किस्म की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। एक यूजर ने कहा कि सागरिका चीजों को जनरलाइज करती हैं। पहले तो उन्होंने जल्दबाजी में ट्वीट किया कि देश में भीड़ मुस्लिमों का कत्लेआम कर रही है। बाद में जब पुलिसिया कार्रवाई किए जाने के बारे में कहा गया, तो उन्होंने उसे डिलीट कर दिया। देखिए उन्हें लेकर लोगों ने क्या-क्या लिखा।

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