कैबिनेट फेरबदल: अमित शाह की कॉल से उड़ी कई मंत्रियों की नींद, पर खुद वह भी सो नहीं सके

केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल रविवार 3 सितंबर) को होना है। उससे पहले, गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह ने केंद्रीय मंत्रियों को बुलाकर उन्‍हें बताना शुरू किया कि वे सरकार से हटाए जा रहे हैं। इसकी जानकारी मिलते ही अन्‍य मंत्रियों की नींद उड़ गई। वे इस डर में थे कि कहीं उन्‍हें भी न बुला लिया जाए। हालांकि मंत्रियों के साथ-साथ शाह की नींद भी पूरी नहीं हो पाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी शाम को होने वाली बैठक ने वृंदावन जाने के उनके प्‍लान में देरी करा दी। उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित केशवधाम में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के मार्गदर्शक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तीन दिनी समन्वय बैठक शुरू हुई। बताया जाता है कि अमित शाह बैठक के लिए आधी रात के बाद वृंदावन पहुंचे। उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बैठक में हिस्सा लेंगे। इनके अलावा संघ के कई दिग्गज नेता भी इस बैठक में भाग लेंगे। पहला सत्र सुबह 10 बजे शुरू हुआ। संघ के सूत्रों की मानें तो आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के अलावा संघ परिवार के 35 आनुषंगी संगठनों के पदाधिकारी वृंदावन स्थित केशवधाम में पहुंचे चुके हैं। संघ परिवार वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर संगठन, सुरक्षा और आर्थिक पहलुओं पर यहां मंथन करेगा।

 बैठक में भाजपा का लोकसभा चुनाव के लिए मास्टर प्लान पर खास चर्चा होगी। 2019 की रणनीति बैठक में भाग लेने के लिए संघ प्रमुख मोहन मधुकर भागवत 29 अगस्त को ही वृंदावन पहुंच चुके हैं। समन्वय बैठक से पूर्व संघ प्रमुख ने आनुषंगी संगठनों के पदाधिकारियों से रणनीति पर चर्चा की। संघ से जुड़े सभी संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष व संयोजक और संगठन मंत्री को बैठक में बुलाया गया है। मुख्य पदाधिकारियों की बैठक आज से शुरू होकर तीन सितंबर तक चलेगी। कई बैठकों का दौर वृंदावन के केशव धाम में चलेगा।
संघ के सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में इन बातों पर चर्चा होगी कि इन संगठनों ने साल भर क्या काम किया, पिछले वर्ष जो लक्ष्य दिया गया था, उसमें कितना कार्य पूरा हुआ और उन्हें क्या परेशानियां पेश आईं।
सूत्रों ने बताया, “केरल में संघ कार्यकर्ताओं पर हमले और उनकी हत्या का मुद्दा निश्चित तौर पर बैठक में उठेगा। इसके अलावा स्वदेशी जागरण मंच चीन से जुड़े विषयों को बैठक में उठा सकता है, क्योंकि उन्होंने ही देश में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का कार्यक्रम आयोजित किया था। बैठक में सेवा भारती, वनवासी सेवा आश्रम, विहिप, एबीवीपी, किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ जैसे संगठन भी हिस्सा लेंगे।”

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