कैबिनेट फेरबदल: मुंबई के पुलिस कमिश्नर रह चुके हैं सत्यपाल सिंह, तोड़ दी थी अपराध की कमर
1990 के दशक में मुंबई में संगठित अपराध की कमर तोड़ने वाले सत्यपाल सिंह ने मुंबई, पुणे और नागपुर के पुलिस आयुक्त का पदभार संभालने के बाद खाकी से खादी का रुख किया और उत्तर प्रदेश में बागपत से लोकसभा के लिए चुने गए। आज उन्हें कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई जाएगी। सत्यपाल सिंह देश के पुलिस विभाग के सबसे सफल और कर्मठ पुलिस अधिकारियों में गिने जाते हैं और उन्हें 2008 में आंतरिक सुरक्षा सेवा पदक से सम्मानित किया गया। आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के नक्सल प्रभावित इलाकों में उनके अदम्य साहस के बूते पर अंजाम दिए गए असाधारण कार्यों के लिए उन्हें विशेष सेवा पदक से सम्मानित किया गया। 29 नवंबर 1955 को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में बसौली में जन्मे सिंह ने रसायनशास्त्र में एमएससी और एमफिल किया है। इसके बाद अॉस्ट्रेलिया से सामरिक प्रबंधन में एमबीए, लोक प्रशासन में एमए और नक्सलवाद में पीएचडी किया। बहुमुखी प्रतिभा के धनी सिंह ने लेखन में भी अपने हाथ आजमाए और कई किताबें लिखीं। ज्ञान हासिल करने और उसे बांटने का सिलसिला यहीं नहीं थमा।
वह वैदिक अध्ययन और संस्कृत के प्रकांड विद्वान हैं और आध्यात्मिकता, धार्मिक सौहार्द एवं भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नियमित रूप से व्याख्यान दिया करते हैं। अपनी बात को बेहतरीन तरीके से लोगों के सामने रखने में माहिर सत्यपाल सिंह गृह मामलों पर संसदीय सथायी समिति के सदस्य हैं और लाभ के पद से संबंधित संयुक्त समिति के अध्यक्ष हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि मुंबई, पुणे और नागपुर के पुलिस आयुक्त का पदभार संभालने वाले, मुंबई के संगठित अपराध का सफाया वाले और भ्रष्टाचार पर व्याख्यान देने वाले कड़क पुलिस अफसर रहे सत्यपाल सिंह का खाकी छोड़कर खादी अपनाने के बाद अब सत्ता के गलियारों का सफर कैसा रहेगा।