कोर्ट ने विधानसभा प्रस्ताव के खिलाफ भाजपा विधायकों की याचिका पर केन्द्र व दिल्ली सरकार से जवाब मांगा
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सदन में पारित एक प्रस्ताव के खिलाफ भाजपा विधायकों की याचिका पर केन्द्र , आप सरकार और विधानसभा से आज जवाब मांगा। प्रस्ताव में उपराज्यपाल के कार्यालय द्वारा ‘‘ देरी वाली या रोकी गई ’’ फाइलों पर स्थिति रिपोर्ट पेश करने के लिये कहा गया था। न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने केन्द्र , आप सरकार और विधानसभा को नोटिस जारी करते हुए याचिका दायर करने वाले भाजपा विधायकों से पूछा कि क्या अदालत सदन कार्यवाही में हस्तक्षेप कर सकती है। अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए आठ अक्तूबर की तारीख तय की।
भाजपा विधायकों विजेंद्र गुप्ता , ओम प्रकाश शर्मा , जगदीश प्रधान और मनजिंदर सिंह सिरसा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय जैन ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को प्रस्ताव पेश करने , इन पर चर्चा करने या इस पर कदम उठाने की न तो अनुमति देनी चाहिए थी और ना ही उन्हें निष्कर्ष रिपोर्ट मंगानी चाहिए थी।
जैन ने कहा कि निष्कर्ष रिपोर्ट उन परियोजनाओं की बात करती है जो उपराज्यपाल के कथित ‘‘ अवरोध ’’ के कारण पूरी नहीं हो सकीं। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव पेश करने से लेकर निष्कर्ष रिपोर्ट आने तक पूरी प्रक्रिया दिल्ली का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार कानून तथा विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्यवाही नियमों के विपरीत है।
अधिवक्ता सहज गर्ग की याचिका में दिल्ली सरकार द्वारा तैयार उपराज्यपाल कार्यालय की निष्कर्ष रिपोर्ट को भी चुनौती दी गई है। दरअसल , 26 मार्च को दिल्ली विधानसभा ने आप विधायक सौरभ भारद्वाज द्वारा दायर प्रस्ताव को पारित किया था जिसमें आप सरकार को उन फाइलों पर ‘‘ स्थिति रिपोर्ट ’’ पेश करने का निर्देश दिया गया था जिनमें उपराज्यपाल अनिल बैजल कार्यालय द्वारा ‘‘ देरी की गई या जिन्हें रोका गया। ’’