खट्टर ने किया इस गांव का दौरा, अंग्रेजों ने भारतीयों पर चढ़वा दिए थे रोडरोलर, मारे गए थे 11 गोरे अफसर
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शहीद दिवस पर भिवानी जिले के एक गांव रोहनत में पहुंचकर देश की आजादी के बाद पहली बार तिरंगा फहराया। बता दें कि रोहनत वही गांव है, जहां 1857 के गदर के बाद अंग्रेज सरकार ने कई लोगों पर रोड रोलर चलवा दिया था। सरकार की प्रेस रिलीज के अनुसार, मनोहर लाल खट्टर पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने गांव में तिरंगा फहराया। इंडियन एक्सप्रेस से फोन पर बातचीत के दौरान गांव के सरपंच पति ने बताया कि हम गांव में तिरंगा नहीं फहराते थे, क्योंकि 1947 में देश की आजादी के बाद से किसी भी सरकार ने देश के लिए शहीद होने वाले लोगों के परिवारों का सम्मान नहीं किया। आज, मुख्यमंत्री ने गांव पहुंचकर उन परिवारों का सम्मान किया और हम उनके इस प्रयास से बहुत खुश हैं।
प्रदेश के शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा का कहना है कि रोहनत गांव के लोगों ने बहादुरी दिखाते हुए 11 ब्रिटिश ऑफिसरों की हांसी (हिसार) में हत्या कर दी थी। जिसके बाद अंग्रेज सरकार ने गांव पर बहुत अत्याचार किए। देश की आजादी के बाद भी जब किसी नेता ने इस गांव की सुध नहीं ली तो यहां के लोगों ने तिरंगा फहराना बंद कर दिया। अब आजादी के 70 सालों बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गांव पहुंचकर तिरंगा फहराया। इसके साथ ही सीएम ने गांव में 4 एकड़ जमीन पर एक शहीद स्मारक बनाने का ऐलान किया है। इसके अलावा सरकार ने गांव के गौरवशाली इतिहास पर एक फिल्म भी बनाने का फैसला किया है। सरकार ने 1 करोड़ रुपए की लागत से रोहनट फ्रीडम ट्रस्ट बनाने का भी ऐलान किया है, जिसकी मदद से गांव के 60 साल से ऊपर के लोगों का इलाज मुफ्त में कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि रोहनत गांव के लिए 23 मार्च का दिन खुशी का दिन है। जिस प्रकार देश आजाद हुआ और लोगों ने अपने घरों में दीए जलाकर खुशियां मनायी थी, उसी तरह आज रोहनत गांववासी अपने घरों में दीए जलाकर आजादी का जश्न मनाएं। उल्लेखनीय है कि 14 सितंबर, 1857 को अंग्रेजों ने अपने अफसरों की हत्या के बाद गांव को बागी घोषित कर दिया था। इसके बाद पूरे गांव की नीलामी के आदेश दे दिए गए थे। कुछ समय बाद गांव की पूरी जमीन व मकानों को बेहद कम कीमत में नीलाम कर दिया गया था।