खट्टर सरकार का अफसरों को फरमान, खड़े होकर करें एमपी-एमएलए का सम्मान और अच्छी लिखावट में दें उन्हें जवाब

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य के अफसरों के लिए एक नया फरमान जारी कर कहा है कि वो खड़े होकर विधायक और सांसदों का सम्मान करें, ऐसा नहीं करने की सूरत में उन्हें दंडित किया जा सकता है। जारी किए गए दिशा निर्देशों में शिष्टचार का जिक्र भी किया गया है। राज्य के मुख्य सविच द्वारा जारी किए गए पत्र में निर्वाचित प्रतिनिधियों के प्रति सम्मान दिखाने की बात पर भी खासा जोर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि सरकारी कर्मचारी का व्यवहार विनम्र होना चाहिए। जब भी सांसद या विधायक सरकारी ऑफिस पहुंचे तो सरकारी अधिकारी खड़े होकर उन्हें रिसीव करने के लिए गाड़ी के पास पहुंचे।

जारी दिशा निर्देश की प्रतियां केंद्रिय सरकारी विभाग को भी दी गई हैं। जिसमें इसके अनुपालन के लिए सभी विभागों के प्रशासनिक प्रमुखों को ट्रेनिंग दी जाएगी। अगर कोई सरकारी कर्मचारी दिशा निर्देशों का पालन नहीं करेगा तो जांच के बाद उसे कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक कुछ आला अधिकारियों ने सरकार के इस फरमान का कथित तौर पर विरोध भी किया है और आश्चर्य भरे लहजे में सवाल पूछा है कि तब उन्हें क्या करने चाहिए जब कोई चुना हुआ नेता उन्हें झुकने के लिए कहे।

सर्कुलर में खास तौर पर इस बात ध्यान दिलाते हुए कहा गया कि सभी अधिकारी विधायक और सांसदों के फोन संदेशों को इग्नोर नहीं करें, बल्कि उन्हें तुंरत जवाब दें। एसएमएस और ईमेल को भी अंदेखा ना किया जाए। अच्छी लिखावट में जवाब दें। इसके अलावा सभी अधिकारी की भाषा भी बहुत सभ्य हो। उनकी सभी अनुरोधों को ध्यानपूर्वक सुना जाए। सर्कुलर में अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा गया कि उनके क्षेत्र में कोई प्रोग्राम हो तो सांसद को जरूर बुलाएं और उन्हें सुविधाजनक सीट दें। अगर एक सांसद का निर्वाचन क्षेत्र दो जिले में पड़ता है तो अधिकारी दोनों जिलों में सांसद को बुलाएं।

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