खाना चुराने पर पीटकर हत्या: अपने ट्वीट को लेकर निशाने पर सहवाग, पूछ रहे लोग- और कितना नीचे गिरोगे
पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग अपने एक ट्वीट को लेकर लोगों के निशाने पर आ गए हैं। दरअसल, अट्टापड़ी इलाके में हुई आदिवासी युवक की हत्या के मामले में सहवाग ने शनिवार को ट्वीट कर कहा था कि मधु ने एक किलो चावल चुराया और उबैद, हुसैन, अब्दुल करीम की भीड़ ने उस गरीब आदिवासी आदमी को मौत के घाट उतार दिया, यह एक सभ्य समाज के लिए कलंक की तरह है। उनका यह ट्वीट लोगों को पसंद नहीं आया। लोगों ने आरोप लगाया कि सहवाग इस मामले को धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। पूर्व क्रिकेटर के पोस्ट पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं देते हुए जमकर भड़ास निकाली। यूजर ने सहवाग से सवाल किया कि वह और कितना नीचे गिरेंगे? यूजर ने लिखा, ‘और कितना नीचे गिरोगे? मधु को मारने वाली भीड़ में सिर्फ ये 3 मुसलमान ही नहीं थे, बल्कि हिन्दू और ईसाई भी शामिल थे, कुल 10 से ज्यादा लोग थे किंतु आपको सिर्फ 3 ही नाम दिखाई दिये? शायद इसी चमचागिरी की वजह से आपको भाजपा से टिकट मिलेगा?’
वहीं मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने भी ट्वीट कर सहवाग पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ‘आर्मी चीफ सांप्रदायिक राजनीति कर रहे हैं और अब एक पूर्व क्रिकेटर भी ऐसा कर रहा है। बढ़िया… अंबेडकर, आजाद, गांधी, कमलादेवी, नेहरू और टेगौर के भारत के लिए ये दोनों कलंक हैं।’
वहीं लोगों द्वारा ट्रोल किए जाने के बाद वीरेंद्र सहवाग ने अपना ट्वीट डिलीट कर लिया है और अन्य ट्वीट करते हुए लोगों से माफी भी मांगी। उन्होंने कहा, ‘यह मेरी गलती है कि मैंने इस जुर्म में शामिल बाकी आरोपियों के नाम नहीं लिखे, मैं इस बात के लिए माफी मांगता हूं, लेकिन मेरा ट्वीट सांप्रदायिक नहीं था। हत्यारे धर्म को विभाजित करते हैं लेकिन हिंसक मानसिकता से एकजुट होते हैं। वहां शांति हो सकती है।’ हैरानी की बात तो यह है कि सहवाग ने अपना दूसरा ट्वीट भी अब डिलीट कर दिया है। बता दें कि 27 साल के मधु नाम के आदिवासी युवक की हत्या के मामले में सात लोगों को आरोपी बनाया गया है। इन आरोपियों में मनु दोमाधरन, जोनाथन जोसफ आदि का नाम भी शामिल है, लेकिन सहवाग ने अपने ट्वीट में उनका नाम नहीं लिखा था।’