खालिस्तान की मांग करने वाले भिंडरावाले की याद में बना गुरुद्वारा

पंजाब में अलग खालिस्तान की मांग करने वाले जरनैल सिंह भिंडरावाले के नाम पर पंजाब में एक गुरुद्वारा बनाया गया है। इस गुरुद्वारे को जरनैल सिंह भिंडरावाले के पैतृक गांव बघपुराना में बनाया गया है। यह इलाका पंजाब के मोगा जिले में स्थित हैं। सिख संगठन दमदमी टकसाल के प्रमुख हरनाम सिंह धूमा और भिंडरावाले को मानने वाले हरनाम सिंह धूमा ने कहा है कि उन्होंने गुरुद्वारे का नाम संत खालसा रखा है। जरनैल सिंह भिंडरावाले लगभग 30 साल पहले पंजाब में केन्द्र सरकार द्वारा कट्टरपंथियों के खिलाफ शुरू किये गये ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान मारा गया था। इस गुरुद्वारे का निर्माण सितंबर 2007 में शुरू किया गया था। हरनाम सिंह धूमा ने कहा कि लंबे समय से भिंडरावाले का घर गुमनामी और अस्त-व्यस्त हाल में था, इसलिए उनके संगठन ने इसे गुरुद्वारे में तब्दील करने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि गुरुद्वारे के निर्माण के लिए किसी राजनीतिक दल या सरकारी मदद नहीं ली गई है।

बता दें कि भिंडरावाले कभी खुद भी दमदमी टकसाल का प्रमुख रह चुका है। हरनाम सिंह धूमा ने कहा कि शुक्रवार (16 फरवरी) को यह गुरुद्वारा लोगों के खोल दिया गया है। इस दौरान दहादी जत्थे ने सिख भजन प्रस्तुत किये। धूमा के मुताबिक 20 फरवरी को यहां पर सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब को स्थापित किया जाएगा। गुरुद्वारे के अंदर ऑपरेशन ब्लू स्टार का एक अलग मेमोरियल भी बनाया गया है। इस मसले पर राजनीतिक दलों ने प्रतिक्रिया देने से इंकार किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक बघपुराना के विधायक से जब इस बावत प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने इसे गांव वालों का अंदरुनी मामला बताकर कुछ भी कहने से मना कर दिया।

भिंडरावाले के एक रिश्तेदार ने कहा कि चूंकि वहां पर पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब की स्थापना की गई है। इसलिए वहां पर भिंडरावाले की कोई तस्वीर नहीं लगाई जाएगी। हालांकि लंगर हॉल और पुस्तकालय में उसकी तस्वीरें जरूर लगाई जाएंगी। बता दें कि जून 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अनुमति पर अमृतसर के गोल्डन टेंपल में ऑपरेशन ब्लू स्टार शुरू किया गया था।

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