गंजेपन, अनिद्रा और आंखों के लिए रामबाण उपचार है केसर, और भी होते हैं फायदे
केसर की प्रकृति गर्म होती है जिसका उपयोग कई तरह के आयुर्वेदिक उपचार में किया जाता है। भारत में इसका उत्पादन केवल जम्मू कश्मीर और कुछ सीमित क्षेत्रों में ही होता है। इसे सबसे कीमती पौधा माना जाता है। शरीर की दुर्बलता को दूर कर उसे ताकत प्रदान करना इस औषधि की प्रमुख विशेषता होती है। आज हम आपको इसके कुछ औषधीय गुणों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां यह नवजात की सेहत से लेकर बुजुर्गों तक की सेहत के लिए वरदान की तरह होता है।
गंजेपन से निजात – थोड़ी सी मुलेठी को दूध में पीसकर डाल दें और इसमें चुटकी भर केसर मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को सोते समय सिर पर लगाने से गंजेपन की समस्या दूर होती है। रूसी तथा बाल झड़ने की समस्या से भी निजात दिलाने में यह बेहद कारगर है।
अनिद्रा भगाए – रात को सोने से पहले दूध में केसर डालकर पीने से अनिद्रा और अवसाद से छुटकारा मिल जाता है।
बुखार और सरदर्द में कारगर – केसर क्रोसिन नाम के तत्व से भरपूर होता है। यह बुखार दूर करने में बेहद मददगार है। इसके अलावा यह एकाग्रता बढ़ाने तथा स्मरण शक्ति दुरुस्त रखने में भी लाभदायक होता है। सरदर्द होने पर चंदन और केसर का लेप बनाकर सर पर लगाया जाए तो सरदर्द से राहत मिलती है।
आंखों के लिए – एक शोध में यह सिद्ध किया है कि केसर का सेवन करने से आंखों की रोशनी दुरुस्त होती है। इसके अलावा यह मोतियाबिंद के लिए भी कारगर उपाय है।
दिमाग के लिए – केसर के इस्तेमाल से दिमाग को भी तेज किया जा सकता है। इसके लिए केसर और चंदन का लेप बनाकर उसे सिर पर लगाएं। इससे सिर, आंखों और दिमाग को शीतलता मिलती है। इस लेप से दिमाग भी तेज होता है।
नवजातों की समस्या से भी निजात – नवजात शिशुओं को अक्सर सर्दी-जुकाम जैसी परेशानियां अपना शिकार बना लेती हैं। इसके लिए मां के दूध में केसर को मिलाकर उनके नाक और माथे पर मला जाए तो इससे काफी लाभ मिलता है। केसर, जायफल और लौंग का लेप बनाकर नवजात की छाती और पीठ पर लगाएं। इससे भी सर्दी-जुकाम का असर कम होता है।