गिरफ्तारी वारंट पर बोले केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे- मेरे बेटे ने गंदा काम नहीं किया, सरेंडर क्यों करेगा?

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने अपने बेटे और भाजपा नेता अर्जित शाश्वत चौबे का बचाव किया है। भागलपुर कोर्ट द्वारा गिराफ्तारी का वारंट जारी होने पर उन्होंने कहा है कि उसने कोई गंदा काम नहीं किया है। इसलिए वो सरेंडर क्यों करेगा? केंद्रीय मंत्री ने पुलिस एफआईआर को झूठ का पुलिंदा करार दिया और कहा कि अर्जित कहीं छुपा हुआ नहीं है। मंत्री ने बताया कि उनका बेटा आज (25 मार्च को) रामनवमी पर अपने गांव भी गया और वहां भगवान राम की आरती भी की। भागलपुर की सीजीएम कोर्ट ने अर्जित समेत नौ लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है। इसलिए अर्जित पर गिरफ्तारी या सरेंडर करने का दबाव बढ़ गया है।

बता दें कि 17 मार्च को विक्रमी संवत प्रतिपदा के अवसर पर अर्जित शाश्वत चौबे ने बिना इजाजत के जुलूस निकाला था। उसके साथ बजरंग दल, आरएसएस और बीजेपी के लोग भी शामिल थे। इस जुलूस के बाद भागलपुर के नाथनगर इलाके में साम्प्रदायिक तनाव फैल गया था। वहां अभी भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं। रामनवमी की वजह से जिला प्रशासन ने करीब 400 स्थानों पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बल की तैनाती की थी। साम्प्रदायिक तनाव के बाद पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की थी। नाथनगर थाना की प्राथमिकी संख्या 176/18 में अर्जित नामजद आरोपी हैं।

अर्जित चौबे साल 2015 में भागलपुर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। अर्जित के अलावा जिनके खिलाफ वारंट जारी हुए है उनमें देव कुमार पांडे, अनूप लाल साह, प्रणब साह, अभय घोष सोनू, प्रमोद वर्मा, निरंजन सिंह, संजय भट्ट और सुरेंद्र पाठक शामिल है। नामजद बनाए जाने पर अर्जित ने कहा था कि क्या भारत माता की जयकार करना या वंदे मातरम गुनाह है? दूसरी एफआईआर में 500 लोगों को आरोपी बनाया गया है। फिलहाल शांतिपूर्वक रामनवमी गुजर जाने पर जिला प्रशासन ने चैन की सांस ली है। डीआईजी, आईजी, एसएसपी लगातार जिले के अलग-अलग इलाकों पर नजर बनाए हुए थे। दंगा निरोधक दस्ता शहर में दिनभर फ्लैग मार्च करता रहा।

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