गुजरात: आदिवासी वोटर्स पर भाजपा की नजर, उज्ज्वला योजना के तहत पहुंचाई जा रही रसोई गैस
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उज्ज्वला योजना का असर अच्छा देखने को मिला। अब सरकार आगामी गुजरात चुनाव को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों खास तौर पर गरीब एवं पिछड़े वर्गों के परिवारों को रसोई गैस सुविधा उपलब्ध कराने पर काम कर रही है।
गुजरात राज्य पेट्रोलियम निगम लिमिटेड के संयुक्त प्रबंध निदेशक डा. टी नटराजन ने ‘भाषा’’ से बातचीत में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिये रसोई गैस उपलब्ध कराने पर पूरा जोर दे रहे हैं। गुजरात गैस लिमिटेड इस पहल को मजबूती से आगे बढ़ाते हुए आदिवासी बहुल गांवों समेत ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप के जरिये प्राकृतिक गैस पीएनजी उपलब्ध करा रहा है।’’ उन्होंने कहा कि हम अभी 11.67 लाख उपभोक्ताओं को पीएनजी उपलब्ध करा रहे हैं। हमने अभी तक 86 तटीय गांवों सहित कुल 950 गांवों में पाइपलाइन के जरिए गैस पहुंचायी है। इसमें 29 तालुकाओं के 199 गांव आदिवासी बहुल हैं।
गुजरात गैस लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मकसूद शेख ने बताया, ‘‘ग्रामीण क्षेत्र में पाइप से गैस की आपूर्ति एलपीजी की तुलना में सस्ती है। हम 20.85 रुपये प्रति यूनिट की दर से पीएनजी की आपूर्ति कर रहे हैं जो सब्सिडी आधारित एलपीजी गैस की तुलना में 11 प्रतिशत सस्ती है।’’ गुजरात गैस लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि पीएनजी का 15 यूनिट एक एलपीजी सिलेंडर के बराबर माना गया है। ऐसे में पीएनजी का एक सिलेंडर करीब 325 रुपये का होगा, जो एलपीजी के मुकाबले काफी सस्ता है।
यह पूछने पर कि ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं में गैस के उपयोग और उससे होने वाले खतरों को लेकर जागरूकता की कमी है, ऐसे में गुजरात गैस इस दिशा में क्या कर रहा है, नटराजन ने कहा कि इसका उपयोग एकदम सुगम है और पानी का नल खोलने जितना सरल है। ‘‘पीएनजी हवा से हल्की होती है और लीकेज की स्थिति में हवा में उड़ जाती है। जबकि एलपीजी हवा से भारी होती है, ऐसे में इसके उपयोग में खतरे की गुंजाइश होती है।’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी उज्ज्वला योजना का लक्ष्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार को रसोई गैस का कनेक्शन उपलब्ध करवाना है।
अधिकारियों ने बताया कि गुजरात स्टेट पेट्रोनेट लिमिटेड द्वारा महाराष्ट्र के ठाणे में और पंजाब के अमृतसर और बंठिडा में काम शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गुजरात देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहां गैस पाइपलाइन बिछाने और आपूर्ति के बारे में दिशानिर्देश स्पष्ट तौर से जारी किये गए हैं। शुल्क स्पष्ट और पूरे राज्य में एक समान है। अधिकारियों ने बताया कि कैबिनेट सचिव ने हाल ही में एक बैठक करके अन्य क्षेत्रों में इसके विस्तार योजना पर चर्चा की।
गुजरात गैस लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने बताया कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक निकाय पीएनजीआरबी ने ऐसे 250 नये शहरों की पहचान की है जहां पीएनजी की आपूर्ति की जा सकती है। इनमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु के कुछ शहर, ओडिशा और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।