गुजरात: इस गांव में दलितों के शेव कराने या मूंछ रखने पर पाबंदी

गुजरात के एक गांव में ऊंची जाति वालों ने केवल दलित लड़कों की इसलिए पिटाई कर दी क्योंकि उन्होंने मूछे रखी थीं। पिछले सात महीनों में यह दूसरी घटना है। यह मामला लिम्बोडरा के कलोल तालुका के एक गांव का है। इतना ही नहीं ऊंची जाति के लोगों ने गांव के नाई को हिदायत दी है कि वे अपनी दुकान में दलितों को शेव बनाने के लिए न आने दें। गाव में दलित दूल्हों को घोड़े पर चढ़कर बारात निकालने की भी इजाजत नहीं है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार जब गांव के एक नाई विजय लिम्बाछिया से संपर्क किया गया तो उसने बताया कि दरबार समुदाय का गांव में दबदबा है और हमसे मना किया गया है कि दलित समुदाय के किसी भी व्यक्ति के न तो बाल काटने है और न ही शेव बनानी है।

नाई ऊंची जाति के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे उनके व्यापार में घाटा हो रहा है। ताजा घटना 24 वर्षीय पीयूष परमार और 30 वर्षीय कृणाल महेरिया के साथ घटी है। दोनों की मूछ रखने को लेकर पिटाई कर दी गई और गांव में भेदभाव इतना होता है कि कोई भी कानून के निर्देशों का पालन नहीं करता। ऊंची जाति का दबदबा होने के कारण मजबूर गांव के लोगों को उनकी बात माननी पड़ रही है। दलितों को लिम्बोडरा से 8 किलोमीटर दूर जाकर नाई ढूंढना पड़ रहा है।

इस मामले की जानकारी देते हुए गांव के एक दलित गोविंद महेरिया ने कहा कि दो साल पहल उसकी बेटी नीता की शादी हुई थी। जब दूल्हा बारात लेकर घोड़े पर चढ़कर आया तो उससे बारात चढ़ाने को मना कर दिया गया था। मेरे दामाद पुलिस में है लेकिन भी उसे घोड़ी चढ़ने से मना किया गया। मैंने आरोपियों के खिलाफ शिकायत इसलिए दर्ज नहीं कराई क्योंकि मेरे समुदाय के लोग मुझे समर्थन देने से डरते हैं। अगर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जाती है तो ऊंची जाति के लोगों के बल के आगे हमारे बड़े हमसे केस वापस लेने के लिए कह देते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *