गुजरात चुनाव: दलित नेता जिग्नेश के साथ आईं लेखिका अरुंधती रॉय, दिया 3 लाख रुपये का चंदा

गुजरात विधानसभा चुनाव में दलित नेता जिग्नेश मेवानी को मैन बुकर पुरस्कार विजेता अरुंधती रॉय का साथ मिला है। अरुंधती ने चुनाव लड़ने के लिए उन्हें 3 लाख रुपये का चंदा दिया है। जिग्नेश अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित बनासकांठा के वडगाम सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं। यहां उनका मुकाबला भाजपा प्रत्याशी से है। मालूम हो कि जिग्नेश के अलावा हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकुर भी भाजपा के खिलाफ गोलबंद हैं।

अरुंधती से चंदा मिलने की पुष्टि खुद जिग्नेश ने की है। दलित नेता ने बताया कि क्राउड फंडिंग के जरिये वह अब तक कुल नौ लाख रुपये जुटा चुके हैं। जिग्नेश ने कहा, ‘अरुधंती रॉय तीन लाख रुपये का चंदा देने के लिए सामने आईं। मैंने क्राउड फंडिंग के तहत उनसे चंदा प्राप्त किया है। उनके अलावा फेमिनिस्ट लेखिका प्रोफेसर निवेदिता पाठक ने भी मुझे 50 हजार रुपये का चंदा दिया है। मैं इसके साथ ही कुल नौ लाख रुपये जुटा चुका हूं। इससे निश्चित ही चुनाव प्रचार अभियान को मजबूती मिलेगी।’ दलित नेता ने बताया कि उन्होंने एक सप्ताह पहले चुनाव लड़ने के लिए चंदा देने को लेकर सार्वजिनक अपील की थी। इसके बाद अरुंधती के अलावा कई अन्य लोगों ने चंदा दिया।

जिग्नेश के साथ चुनावी गठजोड़ होने के बाद कांग्रेस वडगाम से अपने प्रत्याशी और इसी सीट से विधायक मणीलाल वाघेला को शिफ्ट करने पर सहमत हो गई थी। उन्हें एससी के लिए आरक्षित इडार सीट से चुनाव लड़ाया जाएगा। जिगनेश ने सिलाई मशीन को अपना चुनाव चिह्न बनाया है। उन्होंने बताया कि इसके जरिये वह गुजरात में बिखर चुके सामाजिक ताने-बाने को जोड़ने का प्रयास करेंगे। जिग्नेश मेवाणी जुलाई, 2015 के उना कांड के बाद सुर्खियों में आए थे। दलितों की सार्वजनिक पिटाई के बाद उन्होंने आंदोलन शुरू कर दिया था। उनकी मुहिम को गुजरात के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर भी समर्थन मिला था।

 

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