गुजरात चुनाव- सोमनाथ मंदिर गए राहुल तो मोदी का तंज- परनाना ने नहीं बनवाया था
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधबार (29 नवंबर) को गुजरात के सोमनाथ मंदिर में पहुंचकर माथा टेका और जलाभिषेक किया। पिछले तीन महीने में राहुल गांधी ने 19वीं बार मंदिर में पूजा-अर्चना की है। इस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने उन पर सियासी हमला बोला है। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का नाम लिए बिना उन्होंने तंज कसा कि सोमनाथ मंदिर तुम्हारे परनाना ने नहीं बनवाया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”आज सोमनाथ की पताका पूरे विश्व में फहरा रही है। आज जिन लोगों को सोमनाथ याद आ रहे हैं, इनसे पूछिए कि क्या तुम्हें इतिहास पता है? तुम्हारे परनाना, तुम्हारे पिता जी के नाना, तुम्हारी दादी मां के पिता जी, जो इस देश के पहले प्रधानमंत्री थे, जब सरदार पटेल सोमनाथ का उद्धार करवा रहे थे तब उनकी भौहें क्यों तन गईं थीं।”
पीएम मोदी इतने पर भी नहीं रुके। उन्होंने उस घटना को याद करते हुए कहा कि जब सरदार पटेल ने देश के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को मंदिर आने का निमंत्रण दिया था, तब तुम्हारे परनाना ने राष्ट्रपति को खत लिखकर इस बात के लिए नाराजगी जाहिर की थी कि वो वहां क्यों जा रहे हैं। बता दें कि सोमनाथ 12 ज्योतिर्लिंगो में एक है। हिन्दू धर्म के लोगों की इस मंदिर से जुड़ी आस्था बड़ी गहरी हैं।
माना जा रहा है कि गुजरात चुनाव में बीजेपी को कांग्रेस कड़ी टक्कर दे रही है। लिहाजा, बीजेपी के फार्मूले पर चलते हुए कांग्रेस भी अपने स्टार प्रचारक राहुल गांधी को हिन्दू वोटरों को अपने पाले में करने के लिए मंदिर कार्ड खेला है। बता दें कि ऐसा पहली बार है जब कांग्रेस ने मुस्लिम तुष्टिकरण का रास्ता छोड़कर विराट हिन्दूवादी समुदायों के समूहों यानी ओबीसी, दलित, आदिवासी, पटेल समुदाय को अपने पाले में करने की कोशिशों में जुटी है।
बता दें कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पिछले दो-तीन महीनों से जब-जब गुजरात दौरे पर आ रहे हैं वो अक्सर किसी न किसी मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करते नजर आते हैं। इस दौरान उन्हें इस बार किसी खास मुस्लिम बहुल इलाके में चुनाव प्रचार करते हुए नहीं देखा जा सका है। दरअसल, 22 सालों से गुजरात की सत्ता से दूर रही कांग्रेस नहीं चाहती है कि मुस्लिमों के नाम पर हिन्दू वोटर्स पार्टी से बिदके या बीजेपी उन्हें भड़काए। इसलिए पार्टी के रणनीतिकारों ने गुजरात फतह की योजना बनाते समय इन बातों पर काफी मंथन किया और हिन्दू वोटरों को लामबंद करने के उद्देश्य से राहुल के हर दौरे पर मंदिर जाने का कार्यक्रम तय किया गया।