गुजरात: दलित युवक की पीट कर हत्या, गरबा में शामिल होने की सजा

गुजरात के आणंद जिले में आज एक गरबा आयोजन में शामिल होने पर सवर्ण पटेल समुदाय के लोगों के एक समूह ने कथित तौर पर एक 21 वर्षीय दलित युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी जबकि गांधीनगर के पास दो अलग घटनाओं में मूछ रखने पर दलितों की पिटाई की गई। पुलिस ने आणंद में दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या के मामले में आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह घटना रविवार तड़के चार बजे के करीब हुई। पुलिस ने दर्ज शिकायत के हवाले से बताया कि जयेश सोलंकी, उसका रिश्तेदार प्रकाश सोलंकी और दो अन्य दलित भद्रानिया गांव में एक मंदिर के बगल में स्थित घर के पास बैठे थे। तभी एक शख्स ने ह्यउनकी जाति के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की। भद्रान पुलिस थाने के एक अधिकारी ने कहा कि आरोपी ने कहा कि दलितों को गरबा देखने का अधिकार नहीं है। उसने जातिवादी टिप्पणी की और कुछ लोगों को मौके पर आने को कहा। अधिकारी ने कहा कि अगड़ी जाति के लोगों ने कथित तौर पर दलितों की पिटाई की और जयेश का सिर एक दीवार पर दे मारा।

जयेश को करमसद में एक अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अधिकारी ने कहा कि आठ लोगों के खिलाफ हत्या और अत्याचार निरोधक अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज की गई है। उधर, गांधीनगर के पास एक गांव में दो अलग-अलग घटनाओं में ह्यमूंछ रखने को लेकरह्ण राजपूत समुदाय के लोगों ने दो दलित व्यक्तियों की कथित तौर पर पिटाई कर दी। ये घटनाएं गांधीनगर जिले के कलोल तालुका के लिंबोदरा गांव में 25 और 29 सितंबर को हुईं। पिछले महीने की 29 तारीख को भरत सिंह वाघेला नामक व्यक्ति ने विधि छात्र कृणाल महेरिया (30) की कथित तौर पर पिटाई की।  महेरिया ने रविवार को बताया कि वह शुक्रवार को एक दोस्त के घर जा रहा था तो वाघेला अ‍ैर कुछ अन्य लोगों ने उसे रोककर अपशब्दों का प्रयोग किया।

वाघेला ने उससे कहा कि केवल मूंछ लगा लेने से कोई राजपूत नहीं हो सकता। महेरिया के मुताबिक मैंने उसकी बात को तवज्जो नहीं दी तो उसने डंडे से मेरी पिटाई की। गांधीनगर सिविल अस्पताल में इलाज बाकी पेज 8 पर के बाद महेरिया आज अपने घर लौटा। उसकी शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर वाघेला को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारी ने बताया कि महेरिया के खिलाफ भी भादंसं की धारा 323 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।
लिंबोदरा गांव में ही 25 सितंबर को इसी तरह का एक और मामला दर्ज किया गया था। उस दिन राजपूत समुदाय के कुछ सदस्यों ने पीयूष परमार (24) की कथित तौर पर पिटाई की। परमार ने आरोप लगाया कि एक गरबा कार्यक्रम में हिस्सा लेकर लौटते वक्त ऊंची जाति के लोगों ने मूंछ को लेकर उसकी पिटाई की। इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

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