गुजरात: दलित युवक पर मूंछ रखने के लिए ब्‍लेड से हमले का मामला फर्जी, पिता ने मानी गलती

गुजरात में कथित तौर पर ‘मूंछ रखने को लेकर दलित किशोर की हत्‍या’ के मामले में नया खुलासा हुआ है। गांधीनगर पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि 3 अक्‍टूबर को लिंबोदरा गांव में 17 वर्षीय दलित किशोर पर हुआ हमला रचा गया था। पुलिस ने अपने प्रेस नोट में कहा कि जिस किशोर ने आरोप लगाया था कि उसे ऊंची जाति के युवाओं ने मूंछ रखने के लिए पीटा, उसने अपने दो दोस्‍तों (नाबालिग) की मदद से खुद को घाव दिए थे, पब्लिसिटी के लिए। गांधीनगर जिले के एसपी वीरेंद्र सिंह यादव ने फोन पर द इंडियन एक्‍सप्रेस को कहा, ”हमनें तीन टीमें बनाकर जांच की। फोरेंसिक टीम को मौके से कोई ब्‍लेड नहीं मिला और जांचकर्ताओं को हमलावरों या वाहन का भी पता नहीं लगा। इलाके के लोगों ने हमें बताया कि उन्‍होंने कोई अपराध नहीं देखा, न ही चीखने की आवाज सुनी।” किशोर का आरोप था कि 3 अक्‍टूबर को घर लौटते समय उसपर लिंबोदरा गांव में दो अज्ञात लोगों ने ब्‍लेड से हमला किया था। उसने दावा किया था कि उसपर 25 सितंबर को भी हमला हुआ था, जब वह अपने चचेरे भाई पीयूष परमार (24 वर्ष) के साथ था। आरोप था कि मूंछ रखने के लिए उसपर हमला हुआ था।

29 तिसंबर को इसी गांव में, 24 वर्षीय दलित युवक क्रुणाल महेरिया को कथित तौर पर मूंछ रखने के लिए पिटाई की गई थी। दोनों मामलों में पीड़‍ितों का कहना था कि हमलावर ऊंची जाति के थे। मामले में दो एफआईआर दर्ज हुईं और आरोपी जमानत पर बाहर हैं। 25 सितंबर को हुई घटना में 17 वर्षीय किशोर का नाम नहीं था क्‍योंकि उसके परिवार ने कहा था कि उन्‍हें अपने भविष्‍य के लिए डर है।

पुलिस के साथ प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में किशोर के पिता भी मौजूद थे। पुलिस के प्रेस नोट में कहा गया है कि पिता ने माना है कि उनके बेटे से गलती हुई। एसपी यादव ने कहा, ”तो इस मामले में एफआईआर फर्जी है… ये सब नौजवान बच्‍चे हैं और हम मामले को आगे बढ़ाकर उनका भविष्‍य नहीं बिगाड़ना चाहते।”

जब इंडियन एक्‍सप्रेस रिपोर्टर ने उस किशोर से मुलाकात करनी चाही तो उसकी मां उसे रसोई में खींच ले गई। मां ने कहा, ‘हम उसकी पढ़ाई बंद करा रहे हैं। उसने हमें शर्मिंदा किया है। हमें उसे बाहर से परीक्षा दिलवाएंगे।” किशोर रसोई के एक किनारे बुत सा खड़ा रहा। फिर कहने लगा, ‘मैं किसी के दबाव में नहीं हूं। मैं अपने दोस्‍तों की मदद से ऐसा किया। पता नहीं क्‍यों।”

जब किशोर के पिता से पूछा गया कि क्‍या उनका बेटा 25 सितंबर को हुए मामले में गवाही देगा तो उन्‍होंने कहा, ”बिल्‍कुल। जो दूसरा लड़का पीटा गया वह उसका चचेरा भाई है। ब्‍लेड वाला मामला फर्जी हो सकता है मगर बाकी दोनों मामले नहीं। यहां तक कि मेरे बेटे को भी उसके चचेरे भाई के साथ पीटा गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *