गुजरात बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं, सामने आई बड़े नेताओं की आपसी कलह
क्या गुजरात बीजेपी में सबकुछ ठीक है? ये एक ऐसा सवाल है जिसे बीजेपी आलाकमान लोकसभा चुनाव से ऐन पहले कतई नहीं सुनना जाएगा। लेकिन पिछले कुछ महीनों में सोशल मीडिया में कुछ ऐसे मैसेज आए जिससे संकेत मिलता है कि वरिष्ठ बीजेपी नेता नितिन पटेल पार्टी में बगावत की रुपरेखा रच रहे हैं। न्यूज अठारह की एक रिपोर्ट के मुताबिक डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने ऐसी किसी भी रिपोर्ट को खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। जब इस तरह की खबरें मीडिया में आने लगी तो नितिन पटेल मीडिया के सामने आए और कहा कि कुछ तत्व ये अफवाह फैला रहे हैं कि वह बीजेपी के अंसतुष्टों से मिल रहे हैं और 20 विधायकों ने उन्हें अपने समर्थन का भरोसा दिया है।
नितिन पटेल ने कहा, “मैं अपने सभी समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि ऐसे किसी भी अफवाह पर विश्वास ना करें, यदि ऐसे अफवाह आते रहते हैं तो ऐसा करने वालों के खिलाफ मैं क्रिमिनल केस करने जा रहा हूं।” नितिन पटेल के इस बयान को गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष नीतू वगानी ने तुरंत रीट्वीट करते हुए कहा, “लोगों ने नितिन भाई पटेल के बारे में भ्रामक और गलत खबरें फैलाने की कोशिश की, बीजेपी ऐसे लोगों की नीयत को जानता और पहचानता है, नितिन भाई पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, वह अपने पद और क्षमता के मुताबकि लोगों की सेवा कर रहे हैं। बीजेपी के सभी विधायक भी पार्टी के साथ हैं, इस मामले में राष्ट्रीय नेतृत्व को भी जबर्दस्ती खींचा गया है, ये निंदा योग्य है और हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
इसके कुछ ही दिन बाद बीजेपी ने 11 सदस्यों की एक कमेटी 2019 के आम चुनाव की तैयारियों के लिए गठित कर दी। नितिन पटेल को इस कमेटी में प्रमुखता से जगह दी गई है। इस कमेटी का काम गुजरात की 26 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम छांटने और फाइनल करने हैं। स्पष्ट है कि बीजेपी कम से कम लोकसभा चुनाव तक नितिन पटेल को संतुष्ट रखना चाहती है। बता दें कि नितिन पटेल तब नाराज हो गये थे जब पिछले साल गुजरात में सरकार गठन के दौरान उन्हें मनमाफिक मंत्रालय नहीं मिला था। चुनाव से पहले तक नितिन पटेल वित्त मंत्रालय का पद संभाल रहे थे। लेकिन नयी सरकार में वित्त मंत्री उन्हें ना बनाकर सौरभ पटेल को बनाया गया था। इससे नाराज नितिन पटेल ने विजय रुपानी सरकार के शपथ ग्रहण करने के बावजूद अपना कार्यभार नहीं संभाला। नितिन पटेल के इस कदम से गुजरात में जैसे-तैसे सरकार बनाने वाली बीजेपी की काफी किरकिरी हुई थी। तब बीजेपी आलाकमान भी नितिन पटेल से नाराज हुआ था। उस दौरान पटेल को सफाई देनी पड़ी थी कि उन्हें पार्टी से किसी तरह नाराजगी नहीं है। नितिन पटेल गुजरात में राजनीतिक रूप से मजबूत पाटीदार समाज के बड़े नेता है।