गुजरात में नहीं बदलेगा चेहरा, रूपानी-पटेल के सीएम-डिप्टी सीएम बने रहने की उम्मीद

गुजरात विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में बने रहने के बाद विजय रूपानी और नितिन पटेल के क्रमश: गुजरात के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के तौर पर बने रहने की उम्मीद है। लेकिन कुछ अन्य की भी शीर्ष पद पर नजर बनाए रखने की बात कही जा रही है। भाजपा सूत्रों ने बुधवार (20 दिसंबर) को कहा कि रूपानी की जगह चाहने वालों में गुजरात में नरेंद्र मोदी सरकार में रहने वाले मंत्री भी शामिल हैं।

भाजपा में रूपानी और पटेल को 2019 के आम चुनाव तक पदों पर बनाए रखने की संभावना दिख रही है। सूत्रों ने कहा कि रूपानी पार्टी में एक स्वीकार्य चेहरा हैं और भाजपा ने उनके गृह जनपद में अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बार-बार 150 सीटों पर जीत के दावों के बाद भी भाजपा के सीटों की संख्या 100 तक नहीं पहुंचने से रूपानी व पटेल के खिलाफ शिकायतें भी हैं।

भगवा पार्टी को सौराष्ट्र इलाके में पराजय का सामना करना पड़ा, जबकि कुछ जिलों में यह एक भी सीट हासिल नहीं कर सकी। गुजरात का मुख्यमंत्री पद चाहने वालों में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला हैं, जिनकी पाटीदार समाज में अच्छी पकड़ है। दूसरे नामों में पाटीदार समाज से मनसुख मंडाविया व राज्यसभा सांसद स्मृति ईरानी शामिल हैं। भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष जीतू वाघानी ने कहा, “हम नई सरकार के गठन की जरूरी कार्यवाही कर रहे हैं। पार्टी की केंद्रीय टीम के पर्यवेक्षक अरुण जेटली यहां आए हुए हैं।”

माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व बदली राजनीतिक परिदृश्य में कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती जिससे के उसे 2019 के लोकसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़े। इसलिए इन दोनों नेताओं को फिर से पद पर बैठाने की प्रबल संभावना है। इसके अलावा पार्टी ने डेढ़ साल पहले ही इन दोनों नेताओं का चुनाव इन पदों पर किया था। लिहाजा, पार्टी आलाकमान नहीं चाहेगा कि उसके डेढ़ साल पुराने फैसले पर लोग उंगली उठाएं। वैसे पार्टी के कुछ नेता ऐसे हैं जो एड़ी चोटी एक किए हुए हैं कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन हो जाय। विपक्षी कांग्रेस भी इस उम्मीद में है कि अगर नेतृत्व बदलता है तो उसे राजनीतिक हमले करने में आसानी होगी।

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