गुजरात सरकार ने हार्दिक पटेल के खिलाफ तिंरगे का अपमान करने का आरोप वापस लिया

गुजरात सरकार ने पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ तिंरगे का अपमान करने का आरोप वापस ले लिया है। हार्दिक पर करीब दो साल पहले यह आरोप लगा था। राजकोट के जिलाधिकारी विक्रांत पांडे ने गुरुवार को बताया कि राज्य सरकार से निर्देश मिलने के बाद उन्होंने हार्दिक के खिलाफ मामला वापस लेने का आदेश जारी किया है। विक्रांत ने कहा, “राज्य सरकार (गृह मंत्रालय) से प्राप्त निर्देश के अनुसार हमने हार्दिक और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मामला वापस ले लिया है। राजकोट जिले में यह मामला दर्ज किया गया था।”

जिलाधिकारी विक्रांत ने कहा कि हार्दिक के खिलाफ जिले में एक प्राथिमिकी दर्ज की गई थी। इसके आगे की औपचारिकताएं अदालत में पूरी की जाएंगी। हार्दिक के खिलाफ 19 अक्टूबर, 2015 को तिरंगे का कथित रूप से अपमान करने को लेकर मामला दर्ज किया गया था। वहीं, पुलिस ने बताया था कि जब हार्दिक 19 अक्टूबर को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच एकदिवसीय मैच को बाधित करने खंडेरी क्रिकेट स्टेडियम जा रहे थे, तब वह तिरंगे पर कूदे थे। दरअसल जब वह मीडिया को संबोधित करने की कोशिश में कार पर कूदे थे, तब उनका पैर झंडे को छू गया था। उनके हाथ में तिरंगा था।

गौरतलब है कि गुजरात में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ पाटीदारों में आक्रोश होने की भी बातें की जा रही हैं। इसके अलावा किसानों के संकट व कुछ अन्य मुद्दों के जरिए कांग्रेस भी राज्य में अपनी स्थिति में महत्वपूर्ण रूप से सुधार करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी राज्य का दौरा भी कर रहे हैं।

कांग्रेस को उम्मीद है कि राहुल के राज्य के दौरे से पार्टी के कार्यकर्ताओं को मतभेद दूर कर नई ऊर्जा के साथ काम करने के लिए प्रेरणा मिलेगी। राहुल दिसंबर में प्रस्तावित चुनाव से पहले उत्तर, मध्य व दक्षिण गुजरात का भी दौरा करने वाले हैं। ऐसे में देखना होगा कि हार्दिक पटेल के ऊपर से तिरंगे का अपमान करने का केस वापस लेने से पटेल समुदाय कैसी प्रतिक्रिया देता है।

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