गुजरात: 1975 के बाद पहली बार केवल 99 विधायकों के साथ बनेगी सरकार, ये रही पूरी लिस्ट
पिछले चार दशक से गुजरात में किसी भी पार्टी या गठबंधन की सरकार 100 से कम विधायकों की संख्या से नहीं बनी है लेकिन 1975 के बाद अब ऐसा पहली बार होगा जब गुजरात में मात्र 99 विधायकों के सहारे यानी डबल डिजिट के आंकड़े के साथ ही बीजेपी सरकार बनाएगी। बता दें कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साल 2002 में जब गुजरात विधान सभा के चुनाव हुए थे तब बीजेपी को सबसे ज्यादा 127 सीटें मिली थीं। उसके बाद से बीजेपी की सीटों में लगातार कमी होती गई है। उससे पहले साल 1998 के चुनावों में बीजेपी को 117, 1995 के चुनावों में 121 सीटें मिली थीं। 2007 में भी बीजेपी को 117 और 2012 में 116 सीटें मिली थीं।
साल 1990 में जनता दल और बीजेपी ने साथ मिलकर गुजरात चुनाव लड़ा था, तब इस गठबंधन को कुल 137 सीटें मिली थीं। गौर करने वाली बात है कि गुजरात में साल 1975 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को मात्र 75 और नेशनल कांग्रेस ऑर्गनाइजेशन (एनसीओ) को मात्र 56 सीटें आई थीं, तब एनसीओ की तरफ से बाबू भाई पटेल मुख्यमंत्री बने थे। उसे कांग्रेस ने समर्थन दिया था। अब मात्र 99 विधायकों के साथ बीजेपी गुजरात में सरकार बनाएगी। विधायक दल का नया नेता चुनने के लिए पार्टी के संसदीय बोर्ड ने पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया है। अरुण जेटली और सरोज पांडे जल्द ही गुजरात जाकर नए सीएम कैंडिडेट का चुनाव कराएंगे।
बीजेपी के लिए सबसे निराशाजनक प्रदर्शन सौराष्ट्र और कच्छ इलाके में रहा, जहां की 54 सीटों में से बीजेपी को मात्र 23 सीटें मिलीं। साल 2012 के चुनावों में इस इलाके में बीजेपी को 35 सीटें मिली थीं। चुनावों ने साफ कर दिया है कि काठियावाड़ के पटेलों का फिर से कांग्रेस की तरफ झुकाव हुआ है। इस इलाके में आए चुनाव परिणाम 1985 के विधान सभा चुनाव के समान है। उस वक्त कांग्रेस ने कच्छ की छह सीटों में से पांच पर और सौराष्ट्र की 52 में से 43 पर जीत दर्ज की थी। उस साल राज्य में कांग्रेस को कुल 149 सीटें मिली थीं।